"फ़िलिस्तीनी राज्यक्षेत्र": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो फ़िलस्तीन का नाम बदलकर फ़िलिस्तीनी राज्यक्षेत्र कर दिया गया है।
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Flag of Palestine.svg|thumb|फ़िलिस्तीन का झण्ढा]]'''फ़िलिस्तीन''' एक क्षेत्र है मध्यपूर्व में । कई देशों के हिसाब से यह एक देश है और फ़िलिस्तीन की राजधानी [[येरुशलम]] है । इस नाम का प्रयोग इस क्षेत्र के लिए पिछले 2000 साल और उससे पहले से हो रहा है । यहूदियों (Jews) के 1940 के दशक में पुनः प्रवेश से इस क्षेत्र में संघर्ष चलता आ रहा है जिसमें एक तरफ़ [[यहूदी]] देश [[इसरायल]] है तो दूरसी तरफ़ [[अरब]] हैं जो पिछले कम से कम 1500 सालों से रहते आ रहे हैं ।
{{वार्ता शीर्षक}}[[चित्र:Flag of Palestine.svg|thumb|फ़िलिस्तीन का झण्ढा]]'''फ़िलिस्तीन''' एक क्षेत्र है मध्यपूर्व में । कई देशों के हिसाब से यह एक देश है और फ़िलिस्तीन की राजधानी [[येरुशलम]] है । इस नाम का प्रयोग इस क्षेत्र के लिए पिछले 2000 साल और उससे पहले से हो रहा है । यहूदियों (Jews) के 1940 के दशक में पुनः प्रवेश से इस क्षेत्र में संघर्ष चलता आ रहा है जिसमें एक तरफ़ [[यहूदी]] देश [[इसरायल]] है तो दूरसी तरफ़ [[अरब]] हैं जो पिछले कम से कम 1500 सालों से रहते आ रहे हैं ।


== नाम और क्षेत्र ==
== नाम और क्षेत्र ==
पंक्ति 8: पंक्ति 8:


सिकन्दरके आक्रमण (३३२ ईसापूर्व) तक तो स्थिति शांतिपूर्ण रही पर उसके बाद रोमनों के शासन में यहाँ दो विद्रोह हुए - सन् ६६ और सन् १३२ में । दोनों विद्रोहों को दबा दिया गया । अरबों का शासन सन् ६३६ में आया । इसके बाद यहाँ अरबों का प्रभुत्व बढ़ता गया । इस क्षेत्र में यहूदी, मुस्लिम और ईसाई तीनों आबादी रहती थी । १५१७ में तुर्कों का शासन
सिकन्दरके आक्रमण (३३२ ईसापूर्व) तक तो स्थिति शांतिपूर्ण रही पर उसके बाद रोमनों के शासन में यहाँ दो विद्रोह हुए - सन् ६६ और सन् १३२ में । दोनों विद्रोहों को दबा दिया गया । अरबों का शासन सन् ६३६ में आया । इसके बाद यहाँ अरबों का प्रभुत्व बढ़ता गया । इस क्षेत्र में यहूदी, मुस्लिम और ईसाई तीनों आबादी रहती थी । १५१७ में तुर्कों का शासन
{{substub}}


== पार्सि शासन (५३८ BC) ==
== पार्सि शासन (५३८ BC) ==
पंक्ति 14: पंक्ति 13:
पार्सि साम्राज्य कि स्थाप्ना के बाद, यहुदियो (जयुस्) को अपनि धार्मिक पुस्तक के अनुसार अपने देश इस्रैल जाने कि अनुमति मिल गयि। इस हि समय यहुदियो ने अपना दूसरा मन्दिर जेरुसलम मे स्थापित किया।
पार्सि साम्राज्य कि स्थाप्ना के बाद, यहुदियो (जयुस्) को अपनि धार्मिक पुस्तक के अनुसार अपने देश इस्रैल जाने कि अनुमति मिल गयि। इस हि समय यहुदियो ने अपना दूसरा मन्दिर जेरुसलम मे स्थापित किया।


[[श्रेणी:देश]]




{{substub}}




[[श्रेणी:देश]]


[[ace:Palèstina]]
[[ace:Palèstina]]

12:52, 24 अप्रैल 2011 का अवतरण

यह पृष्ठ फ़िलिस्तीनी राज्यक्षेत्र लेख के सुधार पर चर्चा करने के लिए वार्ता पन्ना है। यदि आप अपने संदेश पर जल्दी सबका ध्यान चाहते हैं, तो यहाँ संदेश लिखने के बाद चौपाल पर भी सूचना छोड़ दें।

लेखन संबंधी नीतियाँ
फ़िलिस्तीन का झण्ढा

फ़िलिस्तीन एक क्षेत्र है मध्यपूर्व में । कई देशों के हिसाब से यह एक देश है और फ़िलिस्तीन की राजधानी येरुशलम है । इस नाम का प्रयोग इस क्षेत्र के लिए पिछले 2000 साल और उससे पहले से हो रहा है । यहूदियों (Jews) के 1940 के दशक में पुनः प्रवेश से इस क्षेत्र में संघर्ष चलता आ रहा है जिसमें एक तरफ़ यहूदी देश इसरायल है तो दूरसी तरफ़ अरब हैं जो पिछले कम से कम 1500 सालों से रहते आ रहे हैं ।

नाम और क्षेत्र

अगर आज के फिलस्तीन-इसरायल संघर्ष और विवाद को छोड़ दें तो मध्यपूर्व में भूमध्यसागर और जॉर्डन नदी के बीच की भूमि को फलीस्तीन कहा जाता था । बाइबल में फिलीस्तीन को कैन्नन कहा गया है और उससे पहले ग्रीक इसे फलस्तिया कहते थे । रोमन इस क्षेत्र को जुडया प्रांत के रूप में जानते थे ।

इतिहास

तीसरी सहस्ताब्दि में यह प्रदेश बेबीलोन और मिस्र के बीच व्यापार के लिहाज से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनकर उभरा । फिलीस्तीन क्षेत्र पर दूसरी सहस्त्राब्दि में मिस्रियों तथा हिक्सोसों का राज्यथा । लगभग इसा पूर्व १२०० में हजरत मूसा ने यहूदियों को अपने नेतृत्व में लेकर मिस्र से फिलीस्तीन की तरफ़ कूच किया । हिब्रू (यहूदी) लोगों पर फिलिस्तीनियों का राज था । पर सन् १००० में इब्रानियों (हिब्रू, यहूदी) ने दो राज्यों की स्थापना की (अधिक जानकारी के लिए देखें - यहूदी इतिहास) - इसरायल और जुडाया । ईसापूर्व ७०० तक इनपर बेबीलोन क्षेत्र के राज्यों का अधिकार हो गया । इस दौरान यहूदियों को यहाँ से बाहर भेजा गया । ईसापूर्व ५५० के आसपास जब यहाँ फ़ारस के हख़ामनी शासकों का अधिकार हो गया तो उन्होंने यहूदियों को वापस अपने प्रदेशों में लौटने की इजाजत दे दी । इस दौरान यहूदी धर्म पर जरदोश्त के धर्म का प्रभाव पड़ा ।

सिकन्दरके आक्रमण (३३२ ईसापूर्व) तक तो स्थिति शांतिपूर्ण रही पर उसके बाद रोमनों के शासन में यहाँ दो विद्रोह हुए - सन् ६६ और सन् १३२ में । दोनों विद्रोहों को दबा दिया गया । अरबों का शासन सन् ६३६ में आया । इसके बाद यहाँ अरबों का प्रभुत्व बढ़ता गया । इस क्षेत्र में यहूदी, मुस्लिम और ईसाई तीनों आबादी रहती थी । १५१७ में तुर्कों का शासन

पार्सि शासन (५३८ BC)

पार्सि साम्राज्य कि स्थाप्ना के बाद, यहुदियो (जयुस्) को अपनि धार्मिक पुस्तक के अनुसार अपने देश इस्रैल जाने कि अनुमति मिल गयि। इस हि समय यहुदियो ने अपना दूसरा मन्दिर जेरुसलम मे स्थापित किया।