विरह
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विरह का अर्थ होता है वियोग। अर्थात् लाग्यो तरसावन विरह-जुर जोर तैं |
उदाहरण
[संपादित करें]- विद्यापति की पदावली में प्रेम और विरह की उत्कटता का वर्णन मिलता है।
- विरह आग तन में लगी, जरन लगे सब गात।
नारी छूवत वैद्य के, परे फफोला हाथ॥ (मीर तकी मीर) - फागुन की मस्त बयार चले, विरह की अगन जलाये रे।
मूल
[संपादित करें]- विरह मूलतः संस्कृत का शब्द है।
अन्य अर्थ
[संपादित करें]- वियोग
- पृथकता
- अलगाव
संबंधित शब्द
[संपादित करें]- विरहित
हिंदी में
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