विद्युत्-क्षेत्र

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बिन्दु आवेश के चारों ओर विद्युत क्षेत्र, जब उसके आसपास कोई अन्य आवेश या कोई चालक पदार्थ हो
पास-पास रखे हुए दो विपरीत बिन्दु आवेशों के कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र

यदि किसी स्थान पर स्थित किसी स्थिर आवेशित कण पर बल लगता है तो कहते हैं कि उस स्थान पर विद्युत्-क्षेत्र (electric field) है। विद्युत क्षेत्र आवेशित कणों के द्वारा उत्पन्न होता है या समय के साथ परिवर्तित हो रहे चुम्बकीय क्षेत्र के कारण। विद्युत क्षेत्र की अवधारणा सबसे पहले माइकल फैराडे ने दिया था। विद्युत क्षेत्र एक सदिश (vector) राशि है।

परिभाषा : किसी आवेश के चारों तरफ का वह क्षेत्र जिसमें किसी अन्य आवेश को लाने पर वह वैद्युत बल (आकर्षण या प्रतिकर्षण बल) का अनुभव करता है, विद्युत क्षेत्र कहलाता है।

इसकी एस आई इकाई, वोल्ट प्रति मीटर (V/m) है।

इसी प्रकार विद्युत क्षेत्र की तीव्रता भी है: " विद्युत् क्षेत्र की किसी बिंदु पर स्थित एकांक धनावेश जितने बल का अनुभव करता है,उसे उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहते हैं।" इसका सी मात्रक न्यूटन प्रति कुलम है।

       अर्थात; 
        E = F/Q

इन्हें भी देखें[संपादित करें]