वार्ता:नाड़ी
संस्कृत में नुक़्ता[संपादित करें]
कृपया ध्यान दीजिये कि संस्कृत श्लोकों में नाड़ी लिखना ग़लत प्रतीत होता है । इसे नाडी (बिना नुक्ते के) लिखा जाता है । ठीक उसी प्रकार जैसे कि उड़ने को संस्कृत में उड्डयन कहते हैं, उड़यन नहीं । नुक्तों का संस्कृत में कोई स्थान नहीं है ।
दर्शनस्पर्शनप्रश्नैः परीक्षेताथ रोगिणम्। रोगांश्च साध्यान्निश्चत्य ततो भैषज्यमाचरेत्।। दर्शनान्नेत्रजिह्वादेः स्पर्शनान्नाड़िकादितः प्रश्नाहू1 तादिवचनैः रोगाणां कारणादिभिः।। (नाड़ीज्ञान तरंगिणी)