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वसंतराव नाईक

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वसंतराव फुलसिंग नाईक (१ जुलाई १९१३ - १८ अगस्त १९७९) एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे जो १९६३ से १९७५ लंबे समय तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहे। प्रथम किसान मुख्यमंत्री के रुप में देशभर में उनका जिक्र किया जाता है। वसंंतराव नाईक हरित क्रांति, पंचायति राज, श्वेत क्रांति और रोजगार गारंटी योजना के जनक माने जाते है। पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न प्रणब मुखर्जी ने कहा , "वसंतराव नायक यह भारत माता के महान सपूत हैं।" इस शब्द में महानायक का गौरव किया। सन 1972 में भिषण सूखे के दौरान उन्होंने किसानों के लिए दूरगामी राहत योजनाएँ लागू कीं। वसंतराव नाइक किसानों की समस्याओं से अवगत थे, साथ में उन्होंने दूरगामी ऐतिहासिक कदम भी उठाए। उनकी नाल हमेशा खेती और किसानों से जुड़ी रही। कठिन समय में भी वसंंतराव नायक ने क्रांतिकारी कार्य किये। इसीलिए उन्हें 'किसानों का ज्ञाता राजा', 'हरित योद्धा' कहा जाता है। प्रसिद्ध लेखक एकनाथराव पवार ने वसंतराव नाइक को 'आधुनिक कृषिप्रधान भारत का कृषी संत' बताया है। महानायक वसंतराव नाइक यह शाश्वत विकास की एक जन-उन्मुख विचारधारा मानी जाती हैं। ५ दिसंबर १९६३ से २० फरवरी १९७५ तक का उनका कार्यकाल रहा।यह अब तक सबसे लंबा कार्यकाल है।[1]

सन्दर्भ

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  1. "महाराष्ट्र में 50 साल में 15 नेता बने मुख्यमंत्री". one india. ११ नवंबर २०१०. अभिगमन तिथि १८ जुलाई २०१७.