लोहार
शाखा भृगु अंगिरा अवत्री अनेक ऋषि मुनि जो भगवान विश्वकर्मा का अर्धना से कुछ अविष्कार किए समको विश्वकर्मा के नमो से जाने गए उन्ही के वंशज विश्वकर्मा वंशी कहलाए और कर्मों से वो मनु मय त्वेस्टा शिल्पी देवेज्ञा में जुड़ गए जो विश्वब्रहमीन कहलाए विज्ञान विधाता विश्वकर्मा के प्रदाम कर अपने कार्यों को अंजाम देते है
![]() लोहा का काम करता आदमी | |
व्यवसाय | |
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व्यवसाय प्रकार | व्यवसाय |
गतिविधि क्षेत्र | पेशा |
विवरण | |
दक्षता(एं) | शारीरिक शक्ति, अवधारणा |
रोज़गार का क्षेत्र | कलाकार, शिल्पकार |
संबंधित काम | नालबन्द |
लोहे का काम करने वालो को लोहार कहा जाता है। लोहार शब्द का अर्थ है जो लोहा या इस्पात का उपयोग करके अलग-अलग वस्तुएँ बनाते है। हथौड़ा, छेनी, धौंकनी आदि औजारों का इस्तेमाल करके लोहार फाटक, ग्रिल, रेलिंग, खेती के औजार, बर्तन एवं हथियार आदि बनाते है।