लूसी डेलानी

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ल्यूसी ऐन डेलाने, जन्म लुसी बेरी (अं. 1830  1891 के बाद), एक अफ्रीकी अमेरिकी लेखक, पूर्व गुलाम, और कार्यकर्ता  थी, जो उनके 1891 कथन  फ्राम डार्कनैस कमथ द लाइट, या, स्ट्रगल्स फ़ॉर फ्रीडम के लिए उल्लेखनीय थी। वे  "स्वतंत्रता के मुकदमे" का एकमात्र पहला वर्णन हेऔर मुक्ति के बाद के बाद प्रकाशित दास कथाओं में से एक है।

इस संस्मरण ने अपनी माँ पोली बेरी की सेंट लुइस, मिसौरी में अपनी  और अपनी बेटी की दासता से स्वतंत्रता के लिए कानूनी लड़ाई के बारे में बताती हे। अपनी बेटी के मामले के लिए, बेरी एडवर्ड बेट्स, एक प्रमुख व्हिग राजनीतिज्ञ और जज और राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के तहत भावी अमेरिकी अटॉर्नी जनरल के समर्थन को आकर्षित किया।  उन्होंने लुसी एन बेरी के मुकदमे की अदालत में बकालत की  और फरवरी 1844 में जीता। उनके मामले सेंट लुईस में 1814 से 1860 में दायर 301 स्वतंत्रता दावे में से दो थे। बीसवीं शताब्दी के अंत में इसकी खोज की गई, केस फाइलें मिसौरी हिस्टोरिकल सोसायटी के थी और ऑनलाइन खोजी जा सकती हैं।

प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]

कई दशकों तक  लुसी एन डेलैनी के बारे  में उनके संस्मरण के सिवाय कुछ ज्ञात नहीं था, लेकिन बीसवीं शताब्दी के अंत में, 1814-1860 में सेंट लुईस में 301 स्वतंत्रता सूट के लिए मामले फाइलों में दोनों और उसकी मां के सूट की खोज हुई। वाशिंगटन विश्वविद्यालय के सहयोग से सेंट लुईस सर्किट कोर्ट हिस्टोरिकल प्रोजेक्ट द्वारा बनाई गई एक खोज योग्य डेटाबेस में संबंधित सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके अलावा, विद्वानों ने तथ्यों को दस्तावेज करने के लिए डैलेने के संस्मरण से संबंधित सेंसस और अन्य ऐतिहासिक सामग्री में अनुसंधान किया है।

सेंट लुइस, मिसौरी में 1830 में गुलामी में जन्मी, लुसी एन बेरी, पोलि बेरी (जन्म समय पोली क्रॉक) और एक मूलाटो पिता की बेटी थी, जिनका नाम उस ने नोट नहीं किया था। उनकी दूसरी बेटी नैंसी भी थी। पॉली क्रोकेट और लुसी के पिता मेजर टेलर बेरी और उनकी पत्नी फ्रांसिस के स्वामित्व वाले दास थे।[1] लुसी का कहना है कि पोली बेरी इलिनोइस, में आज़ाद पैदा हुई थी। लेकिन जब एक बच्ची ही थी गुलाम पकड़ने वालों ने उसका अपहरण कर लिया गया था  और मिसौरी में गुलाम मंडी में बेच दिया था। [2] (उसके स्वतंत्रता के सूट में, पोली बेरी ने यह प्रमाणित किया कि उसे यूसुफ क्रॉकेट द्वारा वेन काउंटी, केंटकी में एक गुलाम के रूप में रखा गया था और इलिनॉय में लाया गया था। वहां उन्होंने कई हफ्तों तक रुके थे जब उन्होंने घरेलू काम के लिए उसे लगा दिया था। इलिनॉय एक स्वतंत्र राज्य था, वह वहां रहते हुए  दास संपत्ति रखने का अधिकार खो बैठे थे, और पोली को मुक्त कर दिया जा सकता था। इस आधार पर उसे बाद में स्वतंत्रता मिली, क्योंकि गवाही देने लिए गवाह थे कि उसे इलिनोइस में एक गुलाम के रूप में अवैध तरीके से रखा गया था।[3]

Citations[संपादित करें]

  1. Van Ravenswaay, Charles (1991). St. Louis: An Informal History of the City and Its People, 1764-1865. St. Louis, MO: Missouri History Museum.
  2. Lucy A. Delaney, From the Darkness Cometh the Light: or Struggles for Freedom Archived 2018-07-04 at the वेबैक मशीन, Electronic edition, University of North Carolina, accessed April 22, 2009
  3. Edlie L. Wong (1 July 2009). Neither Fugitive nor Free: Atlantic Slavery, Freedom Suits, and the Legal Culture of Travel. NYU Press. पपृ॰ 127–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8147-9465-4. |author= और |last= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |ISBN= और |isbn= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)