लक्ष्मण शास्त्री जोशी
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लक्ष्मणशास्त्री बाळाजी जोशी (२७ जनवरी १९०१ - २७ मई १९९४) एक संस्कृतवादी, वैदिक विद्वान, विचारक और महाराष्ट्र राज्य से मराठी लेखक थे। उन्हे भारत सरकार द्वारा सन १९७६ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से और १९९२ में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
जोशी का जन्म २७ जनवरी १९०१ को पिम्पलनेर, जि.धुले(धुलिया/धुळे) महाराष्ट्र में हुआ।[1]
कृतियाँ
[संपादित करें]उनकी चयनित कृतियाँ निम्नानुसार हैं:[1]
- १९३४ - शुद्धिसर्वस्वम
- १९३८ - आनंद मीमांसा
- १९४० - हिन्दू धर्माची समीक्षा
- १९४१ - जडवाद
- १९५२ - वैदिक संस्कृतीचा इतिहास
- १९७३ - साहित्यची समीक्षा
पुरस्कार
[संपादित करें]- १९५५ - साहित्य अकादमी पुरस्कार मराठी (वैदिक संस्कृतीचा विकास नामक उनके सांस्कृतिक इतिहास पर आधारीत कृति के लिये)[2]
- १९७६ - पद्म भूषण[3]
- १९८९ - साहित्य अकादमी फ़ैलोशिप[4]
- १९९२ - पद्म विभूषण[3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ "Sahitya Akademi Fellowship Citation" [साहित्य अकादमी फैलोशिप प्रशस्ति पत्र] (PDF). साहित्य अकादमी (in अंग्रेज़ी). १९८९. Retrieved ४ अगस्त २०१७.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "Akademi Awards (1955-2016)" [अकादमी पुरस्कार (१९५५-२०१६)]. साहित्य अकादमी (in अंग्रेज़ी). १९ जुलाई २०१७. Archived from the original on 4 मार्च 2016. Retrieved २० जुलाई २०१७.
- ↑ अ आ "Padma Awards" (PDF). Ministry of Home Affairs, Government of India. 2015. Archived from the original (PDF) on 15 नवंबर 2014. Retrieved July 21, 2015.
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(help) - ↑ "साहित्य अकादेमी फ़ैलोशिप". साहित्य अकादमी. २७ जुलाई २०१७. Archived from the original on 27 सितंबर 2017. Retrieved २७ जुलाई २०१७.
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