रोली
दिखावट
हल्दी और चूने की लाल बुकनी जिसका तिलक लगाते हैं।[1] इसका एक और नाम कुंकुम भी है।[2]
प्रत्येक पूजा में इसे चावल के साथ माथे पर लगाते हैं। इसे शुभ समझा जाता है। सहित्य में भी इस शब्द का प्रयोग बहुतायत से मिलता है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ प्रसाद, कालिका (2000). बृहत हिन्दी कोश. वाराणसी भारत: ज्ञानमंडल लिमिटेड. p. 970.
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