रूसी भाषा का साहित्य
रूसी साहित्य से आशय रूस में रचित साहित्य के अलावा रूसी भाषा में रचित उन अनेकों देशों के साहित्य से है जो कभी रूसी साम्राज्य या सोवियत संघ के भाग थे। रूसी साहित्य की रचना मध्यकाल में आरम्भ हुई थी जब पुरानी रूसी में महाकाव्य तथा इतिहास की रचना हुई थी। १८३० के दशक के आरम्भ में रूसी काव्य, गद्य और नाटक का स्वर्णयुग आ चुका था।
पुरानी स्लाव भाषा सभी स्लाविक भाषाओं की मूलभाषा है। पुरानी स्लाव भाषा 3 वर्गों में बँटी हुई थी–
- पूर्वी स्लाव भाषा - जिसमें रूसी, यूक्रेनियन, बेलोरूसी भाषाएँ आती हैं।
- पश्चिमी स्लाव भाषा - जिसमें पोलिश, चेक, स्लोवाकियन भाषाएँ आती हैं।
- दक्षिणी स्लाव भाषा - जिसमें बुल्गारियन, सेरेबियाँ, क्रोएशियान भाषा आती हैं।
रूसी भाषा भारोपीय परिवार की स्लाव शाखा के पूर्वी स्लाव वर्ग की भाषा है। रूसी भाषा का इतिहास दो भागों में बँटा हुआ था- 'प्रागैतिहासिक' (लिपि के इस्तेमाल से पहले) और 'ऐतिहासिक' (11वीं शताब्दी के बाद)। ग्यारहवीं शताब्दी के पूर्वी स्लाव भाषा का पहला लिखित साहित्य प्रस्तुत हुआ।
- पूर्वी स्लाव की भाषा (11वीं शताब्दी से 14वीं तक)
- पुरानी रूसी भाषा (15वीं शताब्दी से 16वीं शताब्दी तक)
- राष्ट्रीय रूसी भाषा (17वीं शताब्दी से 19वीं शताब्दी तक)
- आधुनिक रूसी भाषा (पुश्किन काल से अब तक)
रूसी साहित्य का इतिहास
[संपादित करें]रूसी साहित्य का इतिहास सन 988 से शुरू होता है। पहले काल खंड का नाम प्राचीन रूसी साहित्य (988 से 1600 तक) है। इस काल का पूरा साहित्य धर्म-निष्ठ और बाइबिल से संबंधित था। लेखक ईसाई, धर्म, भगवान और आदमी के रिश्तों के बारे में लिखते थे। इस काल की मुख्य विद्या इतिवृत्त थी। सब साहित्य मठ में जमा था और सिर्फ मठवासी लिखते थे। इस प्रकार से रूसी साहित्य की शुरुआत में आध्यात्मिकता इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। इस काल की सबसे प्रसिद्ध कृति है- "ईगोर की रेजीमेंट के बारे में बात" (Cuobo o nolky Uropebe)
दूसरा काल (1600-1800) में धर्मनिष्ठ साहित्य और दुनियाई साहित्य अलग लिखा गया।
इस काल के बाद रूसी साहित्य का स्वर्ण काल आता है (1900-1900)। इस काल के सबसे लोकप्रिय लेखक हैं-
- अलेक्सांद्र पुश्किन
- मिख़ाइल लेर्मोन्तोव
- इवान तुर्गनेव
- लेव तोल्सतोय
- फ्योदोर दोस्तोएव्स्की
- आंतोन चेखव
इस समय का रूस "साहित्य का देश" हो गया। साहित्य सामाजिक समस्या हल करता था और लेखक समाज और राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते थे।
अगर यह काल गद्य का समय था तो इसके अगले काल (1900-1917) में विश्व साहित्य की सबसे अच्छी कविताएँ लिखी गयीं। इस काल के सबसे महत्वपूर्ण रचनाकार हैं-
- बोरिस पास्तर्नाक
- अन्ना अख़्मातोवा
- अलेक्सांद्र बलोक
- मरीना त्सवेताएवा
इस काल को रूसी साहित्य का रजत काल कहते हैं। अक्टूबर क्रांति के बाद सोवियत काल था (1917-1991)। लेखक दो वर्ग में बंट गये। कुछ लोग साम्यवादी हो गये, जैसे मैक्सिम ग़ोर्की, ब्लादीमीर मथकोत्स्की, मिखाइल शोलोखोव आदि; और कुछ लोगों ने उनका बहिष्कार किया, जैसे: इवान बूनीन, ब्लादिमीर नोबोकोव आदि।
सन 1991 से आधुनिक काल शुरू हुआ। अगर सोवियत काल में साहित्य राजनीतिक प्रभाव में आ रहा था तो अब भूले बिसरे नाम याद आ रहे हैं और साहित्यिक परंपरा पुनर्जीवित हो रही है।
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- Encyclopedia of Soviet Writers
- Maxim Moshkov's E-library of Russian literature (in Russian)
- Contemporary Russian Poets Database (in English)
- Contemporary Russian Poets in English translation
- La Nuova Europa: international cultural journal about Russia and East of Europe
- Information and Critique on Russian Literature
- Russian Classics Bulletin by Erik Lindgren (Turgenev, Tolstoy, Dostoyevsky)
- History of Russian literature Brief summary
- Russian Liteary Resources by the Slavic Reference Service
- Search Russian Books (in Russian)
- Philology in Runet. A special search through the sites devoted to the Old Russian literature.
- Публичная электронная библиотека Е.Пескина
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