यूरिया घोटाला

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यूरिया घोटाला स्वतन्त्रता के बाद भारत में हुए घोटालों में एक प्रमुख घोटाला है।

नेशनल फर्टिलाइजर के एमडी सी एस रामकृष्णन ने कई अन्य व्यापारियों, जो कि पी वी नरसिंह राव के नजदीकी थे, के साथ मिलकर दो लाख टन यूरिया आयात करने के मामले में सरकार को 133 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। यह यूरिया कभी भारत तक पहुंच ही नहीं पाई। इस मामले में अब तक कुछ भी नहीं हुआ।

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