यूनानी अंधकार काल
यूनानी अंधकार काल ग्रीस (यूनान) के इतिहास में १२०० ईसापूर्व से ८०० ईसापूर्व के काल को कहा जाता है जिस से सम्बंधित लेख इतिहासकारों को नहीं मिल पाए हैं। इस युग से पहले के रेखीय बी लिपि में लिखी माइसीनियाई यूनानी के बहुत से नमूने मिटटी के तख़्तो और बर्तनों पर और इमारतों पर मिले हैं। इस "अंधकार" काल के बाद इस उपभाषा का प्रयोग नहीं मिलता बल्कि शास्त्रीय यूनानी कहलाई जाने वाली उत्तरी उपभाषा की लिखाइयाँ ही मिलती हैं जिनमें आधुनिक यूनानी अक्षरमाला से मिलती-जुलती लिपि का प्रयोग है। माइसीनियाई युग में बर्तनों और अन्य वस्तुओं पर बहुत विस्तृत चित्रों (डिज़ाईनों) को देखा जाता था, लेकिन अंधकार युग में मिली वस्तुओं पर सादे रेखा-चित्रों को ही पाया गया, जिस से यह लगा कि एक कला-विकसित संस्कृति किसी वजह से गिरकर अविकसित हो गई।
इन तथ्यों को समझने के लिए इतिहासकारों ने घटनाक्रम इस तरह से जोड़ा कि उसमें पहले माइसीनियाई यूनानी संस्कृति फल-फूल रही थी, फिर उत्तर से डोरियाई कहलाए जाने वाले लोगों का आक्रमण हुआ जिन्होनें इस सभ्यता का अंत कर दिया। लगभग ४०० सालों तक यूनान एक बर्बरता के अंधकार में रहा और इस काल की कोई लिखाई नहीं मिलती क्योंकि लिखाइयाँ बनी ही नहीं थीं। उसके बाद सभ्यता एक नई उपभाषा के साथ फिर जन्मी। इसके विपरीत वर्तमान के कुछ विद्वानों का मानना है कि ऐसा कोई अंधकार काल कभी था ही नहीं और इस काल के लेख इसलिए नहीं मिलें क्योंकि उन्हें ठीक से खोजा नहीं गया है। मतभेद जारी है।[1]
अन्य भाषाओँ में
[संपादित करें]"यूनानी अंधकार काल" को अंग्रेज़ी में "ग्रीक डार्क ऐजिज़" (Greek dark ages) कहते हैं। यूनानी में इस काल को "गेओमेत्रिकी एपोख़ी" (Γεωμετρική εποχή, 'ख़' के उच्चारण पर ध्यान दें) कहा जाता है, जिसका अर्थ है "ज्यामितीय युग", क्योंकि इस काल में मिली वस्तुओं पर कला रेखाचित्रों (ज्यामिति) के रूप में देखी जाती है।
कारण
[संपादित करें]१२०० ईसापूर्व के आसपास माइसीनियाईओं के महल और उनके दूर-दराज़ नगरों के नष्ट होने या किसी कारण से छोड़े दिए जाने के निशान मिलते हैं। यह सभ्यता बहुत संगठित थी और यह ठीक से पता नहीं थी इनकी व्यवस्था क्यों बिखरने लगी। यह एक कांस्य युग की संस्कृति थी और इसी काल में कुछ लोगों ने लोहे का प्रयोग सीख लिया था। लोहा कांस्य से कहीं ज़्यादा सख़्त होता है और बहुत सी जगहों पर कांस्य के अस्त्रों से लड़ने वाले लोहे का प्रयोग करने वालों से पराजित हो रहे थे। संभव है कि ऐसे किसी लौह-प्रयोगी जाती ने माइसीनियाईओं की सभ्यता को ख़त्म कर दिया हो। इसी काल में भूमध्य सागर के कई क्षेत्रों में मौसम में अचानक बदलाव से फ़सले भी नष्ट हुई जिस से भुखमरी पैदा हो गई थी। ऐसे कुछ प्रमाण मिले हैं कि इन क्षेत्रों में शासकों के विरुद्ध बहुत से विद्रोह भड़क रहे थे। संभव है कि ऐसी किसी वजह से या इन के मिश्रण से माइसीनियाईओं पर उत्तर से डोरियाई लोगों ने या फिर समुद्र से किसी अन्य जाति के लोगों ने हमले बोले हों। पूर्व में अनातोलिया में हत्ती (हिटाईट) सभ्यता भी डगमगा रही थी। दक्षिण की ओर प्राचीन मिस्र के मिले कुछ लेखों में मिस्री सूत्र भी इस काल में ऐसे समुद्री लोगों की अचानक बढ़ी गतिविधियों और हमलों का ज़िक्र करते हैं:
- विदेशी जातियों ने ... अपने द्वीपों पर षड्यंत्र रचे। एकदम से सभी जगह हलचल होने लगी, युद्ध फैलने लगा। कोई देश इनके अस्त्रों के आगे टिक न सका ... इन समूहों के नाम थे पेलेसेत, तजेकेर, शेकेलेश, देन्येन और वेशेश।[2][3]
इनमें से बहुत सी जातियाँ फ़ोनीशिया के पास के क्षेत्रों से थी। यह भी देखा गया है के माइसीनियाईओं की रेखीय बी लिपि के प्रयोग के अंत होने के बाद जब लेख दुबारा शुरू हुए तो वह यूनानी लिपि में थे जो फ़ोनीशियाई वर्णमाला पर आधारित थी।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Oliver Thomas Pilkington Kirwan Dickinson. "The Aegean from Bronze Age to Iron Age: continuity and change between the twelfth and eighth centuries BC". Taylor & Francis, 2006. ISBN 9780415135894. 9 अक्तूबर 2013 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 4 सितंबर 2011.
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(help) - ↑ James B. Pritchard, Daniel E. Fleming. "The Ancient Near East: An Anthology of Texts and Pictures". Princeton University Press, 2010. ISBN 9780691147260. 29 दिसंबर 2011 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 4 सितंबर 2011.
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(help) - ↑ EDO Nyland. "Odysseus and the Sea Peoples: A Bronze Age History of Scotland". Trafford Publishing, 2006. ISBN 9781412243667. 17 सितंबर 2014 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 4 सितंबर 2011.
... the foreign countries made a conspiracy in their islands. All at once the lands were on the move, scattered in war. No country could stand before their arms ...