मौलिक कर्तव्य

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मौलिक कर्तव्‍य भारत के संविधान के भाग 4 (क) में लिखित है। इन कर्तव्‍यों का पालन करना हर नागरिक का दायित्‍व है, परन्‍तु वह इन कर्तव्‍यों का पालन करने के लिए बाध्‍य नहीं है। सरदार स्‍वर्ण सिंह समिति की अनुशंसा पर 42वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा इसमें 10 मूल कर्तव्‍यों को जोड़ा गया। इसके पश्‍चात् वर्ष 2002 में 86वां संविधान संशोधन द्वारा इसमें एक और यानी 11वां मूल कर्तव्‍य को जोड़ा गया। इन सभी मौलिक कर्तव्‍यों को वर्मा समिति की अनुशंसा पर लागू किया गया।सन्दर्भ त्रुटि: <ref> टैग के लिए समाप्ति </ref> टैग नहीं मिला

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संदर्भ।[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

मौलिक कर्तव्य की विस्तृत व्याख्या