मारवाड़ के राम सिंह
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महाराजा राम सिंह | |
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जोधपुर के महाराजा | |
बखत कंवर | |
कार्यकाल | 18 जून 1749 – जुलाई 1751 (प्रथम शासनकाल) 31 जनवरी 1753 – सितंबर 1772 (दूसरा शासनकाल) |
राज्याभिषेक | 13 जुलाई 1749, श्रींगार चौकी, मेहरानगढ़, जोधपुर |
जन्म | 28 जुलाई 1730 मेहरानगढ़, जोधपुर |
निधन | सितंबर 1772 (आयु 42) जयपुर |
पिता | अभय सिंह |
धर्म | हिन्दू |
महाराजा राम सिंह (28 जुलाई 1730 - सितंबर 1772), मारवाड़ साम्राज्य के राजा थे, जिन्हें जोधपुर रियासत भी कहा जाता है, उन्होंने 18 जून 1749 - जुलाई 1751 और दूसरी बार 31 जनवरी 1753 - सितंबर 1772 तक शासन किया।[1]
वह अपने पिता की मृत्यु होने के बाद उत्तराधिकार के रूप में 18 जून 1749 को गद्दी पर बैठे। लेकिन वह अपने चाचा बख्त सिंह द्वारा लुनियावास में 27 नवंबर 1750 को युद्ध में हार गए और जोधपुर से निष्कासित कर दिये गए और जुलाई 1751 में जयपुर में शरण मांगी। वो दूसरी बार महाराजा विजय सिंह के बाद 1753 में गद्दी पर बैठे।
1772 में जयपुर में उनका निधन हो गया। इसके बाद विजय सिंह उनके उत्तराधिकारी बने और दूसरी बार महाराजा बने।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Advance Study in the History of Modern India (Volume-1: 1707-1803) (अंग्रेज़ी में). Lotus Press. 2005. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-89093-06-8. अभिगमन तिथि 27 दिसम्बर 2020.
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