महाकाल (1994 फ़िल्म)

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महाकाल
निर्देशक श्याम रामसे
तुलसी रामसे
लेखक वाय.वी. त्यागी
सईद सुल्तान (संवाद)
कफील अजर (गीत)
निर्माता गंगू रामसे
चंदर रामसे
अभिनेता करण शाह
अर्चना पूरन सिंह
रीमा लागू
जॉनी लीवर
कुलभूषण खरबंदा
छायाकार गंगू रामसे
संपादक विकास दरिपकर
श्याम गुप्ते
संगीतकार आनंद-मिलिंद
के जे सिंग (पृष्ठभूमि स्कोर)
वाई.वी. त्यागी (पृष्ठभूमि स्कोर)
विशाल (पृष्ठभूमि स्कोर)
वितरक मोंडो मैकाब्रो
प्रदर्शन तिथि
11 फरवरी 1994 (भारत)
लम्बाई
143 मिनट्स
देश भारत
भाषा हिन्दी

महाकाल (जिसे द मॉन्स्टर और टाइम ऑफ डेथ के नाम से भी जाना जाता है), 1994 की भारतीय हॉरर फिल्म है। इसका निर्देशन श्याम रामसे और तुलसी रामसे ने किया था, और यह अमेरिकन हॉरर फिल्म फ्रैंचाइज़ी ए नाइटमेयर के एक भाग एल्म स्ट्रीट (1984) का एक रूपान्तरण है। इसे 2009 में वितरक मोंडो मैकब्रो द्वारा अमेरिका में डीवीडी पर जारी किया गया था। फिल्म के संगीत को आनंद-मिलिंद द्वारा संगीतबद्ध किया गया था, और बैकग्राउंड स्कोर केजे सिंग, वाई वी त्यागी और विशाल द्वारा बनाया गया था।

पटकथा[संपादित करें]

एक कॉलेज की छात्रा सीमा अपने सपने में देखती है कि स्टील के पंजे के दस्ताने पहने एक भयानक दिखने वाला आदमी उस पर हमला करता है। जब वह डर कर उठती है तो उसकी बांह पर असली घाव लगे होते हैं। बाद में उसकी सहेली अनीता भी उसी दुःस्वप्न को देखती है और उसकी बांह पर भी असली घाव लगे देखती है। अनीता अपने माता-पिता को उसके दुःस्वप्न के बारे में बताती है। उसके पिता, जो एक पुलिसकर्मी हैं, यह मानने से इनकार कर देते हैं। बाद में, सपने में सीमा पर फिर से हमला होता है और वह घावों के कारण मर जाती है। उसके प्रेमी को उसका दोषी मान पुलिस जेल में डाल देती है, जहां वह भयानक आदमी से मिलता है जो जादू से सांप बनाकर दिखाता है। प्रेमी की सांप के काटने से मौत हो जाती है। बाद में, अनीता और उसकी माँ ने अनीता के पिता को अपने दराज से धातु का बना दस्ताना निकालते हुए पकड़ लेती है, इसलिए वह इस रहस्य को उजागर करने के लिए मजबूर होता है कि एक दुष्ट जादूगर शैकाल बच्चों का अपहरण कर रहा था और उनकी बुरी शक्तियों को बढ़ाने के लिए उनका बलिदान कर रहा था। सात साल पहले, शाकल ने अनीता की बहन को भी मार डाला था। अंत में, शाकल द्वारा अनीता का अपहरण कर लिया जाता है। जैसा कि उसके पिता को शाकल के अड्डे का पता होता है, वह अनीता के प्रेमी के साथ वहां आता है और वे उसे मारकर और अनीता को बचा कर ले आते हैं।

कलाकार[संपादित करें]

गीत संगीत[संपादित करें]

# शीर्षक गायक/गायिका
1 "चल चल मेरी जान चल ज़रा" उदित नारायण, साधना सरगम और सुदेश भोंसले
2 "मैं खुश नसीब" कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल
3 "जानेजान बाहों में आजा" सपना मुखर्जी

सन्दर्भ[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]