मनुभाई जोधानी

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मनुभाई लल्लूभाई जोधानी (28 अक्टूबर 1902 - 29 दिसंबर 1979) एक गुजराती लेखक, लोक कथाकार, पक्षी विज्ञानी, वनस्पति विज्ञानी और गुजरात, भारत के संपादक थे। उनके द्वारा 15 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की गईं। [1]

जीवनी[संपादित करें]

मनुभाई जोधानी का जन्म 28 अक्टूबर 1902 को गुजरात के बरवाला में हुआ था। [2] [3] उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा लिम्बाडी में प्राप्त की। 1920 में वे बरवाला में एक स्कूल शिक्षक बन गए। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए 1930 में इस्तीफा दे दिया। [4] महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह के बाद स्वतंत्रता सेनानी अमृतलाल सेठ ने धोलेरा में सत्याग्रह करने का फैसला किया। मनुभाई ने धोलेरा में नमक सत्याग्रह में अग्रणी भूमिका निभाई और अंग्रेजों ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। [5]

इसके बाद वे जीवनलाल अमरसी बुकसेलर से जुड़ गए। उन्होंने विभिन्न पत्रिकाओं में स्त्रीबोध में उप-संपादक के रूप में भी काम किया और उन्होंने 39 वर्षों तक स्त्रीजीवन में एक संपादक के रूप में काम किया। [4] [3]

29 दिसंबर 1979 को उनका निधन हो गया। [3] उनके पुत्र वसंतकुमार जोधानी भी एक लेखक थे जिन्होंने विज्ञान और जानवरों पर रचनाएँ प्रकाशित कीं। [2]

संरचनाएं[संपादित करें]

मनुभाई ने लोकसाहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। [6] [7] [4] वह एक पक्षी विज्ञानी और वनस्पतिशास्त्री भी थे। [8] वह गुजरात के वनस्पतियों और जीवों पर कहानी लिखने वाले पहले व्यक्ति थे। [9] [10] [3] लोककथाओं पर उनकी रचनाओं में सोर्थी जवाहिर (1930), सोर्थी विभूतो (1964), रैंडल के गीत, गुजराती लोकगीत माला (मंजुला मजूमदार, बच्चूभाई रावल के साथ सचित्र ) और जनपद (1940, 1944, 1955; रेखांकित) शामिल हैं। [11] [12]

उन्होंने शीलवती (1928) और सुंदरी का अलंकरण शीर्षक से लघु कथाओं की रचना की है। नागमती (1932) उनका एकमात्र उपन्यास है। खातिमिथी बलवातो और कुमारो की यात्रा कहानी बाल साहित्य की रचनाएँ हैं।

पदरानी वनस्पति विज्ञान 1-2 (1954-55), अंगना पंखी 1-2 (1955-56), पदराना पंखी (1956) वनस्पति विज्ञान और पक्षीविज्ञान पर उनकी रचनाएँ हैं।

उन्होंने शरदचंद्र चट्टोपाध्याय की बिंदु खेले नो बिंदु (1939) का अनुवाद किया। [13]

उन्होंने मनुबेन गांधी के संस्मरण, बापू के अंतिम दर्शन जैसे कार्यों को प्रकाशित करने में मदद की।

इतिहास[संपादित करें]

अहमदाबाद के पालडी में एक सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया है।

  1. Akademi, Sahitya. Whos Who Of Indian Writers (अंग्रेज़ी में). Dalcassian Publishing Company.
  2. Whos Who Of Indian Writers. New Delhi: Sahitya Akademi. 1961. पृ॰ 143.
  3. Desai, Ratilal Deepchand (2003). "7. ધિંગા લોકસાહિત્યકાર શ્રી મનુભાઈ જોધાણી". प्रकाशित Desai, Nitin R. (संपा॰). Amruta-Sameepe (गुजराती में). Ahmedabad: Gurjar Granthratna Karyalaya. पपृ॰ 373–374. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; ":2a" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  4. "મનુભાઈ જોધાણી". ગુજરાતી સાહિત્ય પરિષદ. अभिगमन तिथि 2020-04-28. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "GSP" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  5. Madhad, Raghavji (2020-03-25). "આંખો આંસુથી વહેવા લાગી હતી: સૌરાષ્ટ્રના સ્વાતંત્ર્ય સૈનિકો અને લડતો". Sandesh. अभिगमन तिथि 2020-04-28.
  6. Gujarat. Ahmedabad: Smt Hiralaxmi Navanitbhai Shah Dhanya Gurjari Kendra, Gujarat Vishvakosh Trust. 2007. पपृ॰ 235, 426.
  7. "Contribution of Gujarat to the Field of Folklore". Indian Folklore Research Journal. National Folklore Support Centre (2–5): 77. 2002.
  8. Daniel, J. C.; Ali, Sálim; Ugra, Gayatri (2003). Petronia: Fifty Years of Post-independence Ornithology in India : a Centenary Dedication to Dr. Salim Ali, 1896-1996. Bombay Natural History Society. पृ॰ 104. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-566653-3.
  9. JAMUNA, K. A. (2017-06-01). Children's Literature in Indian Languages (अंग्रेज़ी में). Publications Division Ministry of Information & Broadcasting. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-230-2456-1.
  10. Jamunā, Ke E.; Division, India Ministry of Information and Broadcasting Publications (1982). Children's literature in Indian languages (अंग्रेज़ी में). Publications Division, Ministry of Information and Broadcasting, Govt. of India.
  11. Magara, Naresh (January–February 2019). "ગુજરાતી લોકસાહિત્યક્ષેત્રે થયેલ સંશોધન – સંપાદનની કામગીરીની રૂપરેખા". Sahitya Setu (गुजराती में). Tanvi Shukla. 9 (49). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 2249-2372.
  12. Desai, Ratilal Deepchand (2003). "7. ધિંગા લોકસાહિત્યકાર શ્રી મનુભાઈ જોધાણી". प्रकाशित Desai, Nitin R. (संपा॰). Amruta-Sameepe (गुजराती में). Ahmedabad: Gurjar Granthratna Karyalaya. पपृ॰ 373–374.
  13. Śaratcandra o Bhāratīẏa sāhitya (Bengali में). Nikhila Bhārata Baṅga Sāhitya Sammelana, Dillī Sākhā. 1976. पृ॰ 1957.