मछली प्रव्रजन

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साल्मन की कई जातियाँ समुद्रापगामी (ऐनाड्रोमस) हैं और प्रजनन के लिए सागरों से नदियों-झरनों में प्रवेश करके लम्बी दूरियों तक आती हैं।

मछली प्रव्रजन (Migration Fishesh) कई मछली जातियों के जीवनक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। कुछ मछलियाँ अपनी दिनाचार्या में प्रत्येक दिन एक स्थान से कुछ मीटर दूर किसी दूसरे स्थान और फिर वापस प्रव्रजन करती हैं और कुछ ऋतुक्रम के अनुसार हज़ारों मील की दूर तय करती हैं। अधिकतर मछलियाँ आहार-प्राप्ति या प्रजनन के लिए विधिवत स्थानांतरण करती हैं लेकिन कुछ जातियों में प्रव्रजन के लिए कोई स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं है।[1]

प्रजनन के लिए प्रव्रजन[संपादित करें]

जो मछलियाँ अण्डे देने व शिशु जनने के लिए प्रव्रजन करती हैं उन्हें दो बड़े वर्गों में विभाजित करा गया है:[2][3]

  • समुद्रापगामी (anadromous, ऐनाड्रोमस) - यह समुद्र में रहती हैं लेकिन प्रजनन के लिए नदियों के मीठे पानी में आकर शिशु वहाँ पैदा होते हैं जो फिर नदी की सहायता से समुद्र में आ जाते हैं। साल्मन मछली इसका उदहारण है।
  • समुद्राभिगामी (catadromous, कैटाड्रोमस) - यह मीठे पानी में रहती हैं लेकिन प्रजनन के लिए समुद्र के खारे पानी में आ जाती है। इनके शिशु जन्मने के बाद वापस नदियों व झीलों में आ जाते हैं। सर्पमीन (ईल) इसका उदहारण है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Ueda H and Tsukamoto K (eds) (2013) Physiology and Ecology of Fish Migration Archived 2017-03-20 at the वेबैक मशीन. CRC Press. ISBN 978-1-46659-513-2.
  2. Lucas, M.C., and E. Baras. (2001) Migration of freshwater fishes. Blackwell Science Ltd., Malden, MA
  3. Bond, C E (1996) Biology of Fishes, 2nd ed. Saunders, pp. 599–605.