भारत में नफरत फैलाने वाले भाषण कानून

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भारत में द्वेषपूर्ण भाषण कानूनों का उद्देश्य इसके कई जातीय और धार्मिक समुदायों के बीच कलह को रोकना है। कानून एक नागरिक को "धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा, जाति या किसी भी अन्य आधार पर" नागरिक का अपमान करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए दंड की मांग करने की अनुमति देता है।[1]भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए नागरिकों को लोगों के विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य या शत्रुता, घृणा या द्वेष की भावना पैदा करने से रोकती है।[2]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. https://www.latestlaws.com/wp-content/uploads/2018/05/NLUD-Report-on-Hate-Speech-Laws-in-India.pdf साँचा:Bare URL PDF
  2. "Indian Penal Code (IPC) 1860, Section 153A". Vakilno1.com. अभिगमन तिथि February 18, 2014.