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बिहार दिवस

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बिहार दिवस (भोजपुरी: 𑂥𑂱𑂯𑂰𑂩 𑂠𑂱𑂫𑂮) हर साल २२ मार्च को मनाया जाता है।[1] यह बिहार राज्य के गठन को चिह्नित करता है। इसी दिन अंग्रेजों ने १९१२ में बंगाल से बिहार को अलग कर एक राज्य बनाया था।[2][3] इसके बाद वर्ष 1935 में बिहार से अलग होकर उड़ीसा अस्तित्व में आया था जिसे अब ओडिशा कहते हैं. वहीं, 2000 में एक बार फिर बिहार का विभाजन हुआ और आदिवासी आबादी और संस्कृति बहुल झारखंड प्रदेश अस्तित्व में आया. जिस तर्ज पर बंगाल से भाषा के आधार पर बिहार अलग हुआ, उसी तर्ज पर 1935 में ओडिशा बिहार से अलग हो गया और वर्ष 2000 में झारखंड भी अपने अस्तित्व में आया. लेकिन, बिहार के 22 मार्च 1912 को अस्तित्व में आने को लेकर हर वर्ष बिहार दिवस मनाया जाता रहा है, मगर इसका दायरा सीमित था. परन्तु वर्ष 2011 से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके आयोजन को विस्तार दिया और कई कार्यक्रमों और आयोजनों के साथ इस दिन का आधिकारिक उत्सव शुरू करवाया. इस दिन बिहार में सार्वजनिक अवकाश होता है।[4] मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब बिहार में सत्ता संभाली तो उन्होंने २२ मार्च को बिहार दिवस मनाने को ऐलान किया। इसका मुख्य मकसद बिहार को आगे बढ़ाना था

अपने राज्य की विशिष्टताओं की दुनियाभर में ब्रांडिंग तथा बिहारी होने पर गर्व करना है।

  1. "बिहार दिवस विशेष: ऐसे अस्तित्व में आया अपना बिहार, ...जानें". MPost (अमेरिकी अंग्रेज़ी भाषा में). 2022-03-22. अभिगमन तिथि: 2022-03-22.
  2. "Stage set for 105th Bihar Diwas". 24 March 2017 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 30 October 2019.
  3. "Bihar Diwas: Sunidhi Chauhan to perform at Gandhi Maidan on Mar 22". 15 March 2017 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 30 October 2019.
  4. "Bihar Diwas marks public Holiday in Bihar". news.biharprabha.com. अभिगमन तिथि: 22 March 2014.