बाघदेव सिंह

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बगदेव सिंह
राजा
कर्णपुर के राजा
शासनावधि14वीं शताब्दी
उत्तरवर्तीकिरत सिंह
राजवंश
धर्महिंदू धर्म

बगदेव सिंह उत्तरी छोटानागपुर में रामगढ़ राज के संस्थापक थे । वह खैरागढ़ के राजा थे। उन्हें नागवंशी के तहत कर्रा का फौजदार बनाया गया था । उसने नागवंशी शासक के लिए तामार में विद्रोह को दबा दिया । नागवंशी ने उसे कर्णपुरा के राजा करपुरदेव से कर निकालने के लिए भेजा। बगदेव ने करपुरदेव को मार डाला और उसने खुद को उस क्षेत्र का राजा घोषित कर दिया।[1]

बेनीराम महता द्वारा लिखित 'नाग वंशावली' के अनुसार, , घाटवार राजाओं ने विद्रोह कर दिया। तामार का राजा लूट और लूट में लिप्त था। खुखरागढ़ में उसने नागवंशी राजा के किले पर कब्जा कर लिया। नागवंशी ने खैरागढ़ के राजा बगदेव से मदद मांगी। खैरागढ़ खयारवाला राजवंश की राजधानी थी।[2][3][4][5]बगदेव को कर्रा परगना का फौजदार बनाया गया और उसने तामार के विद्रोह को दबा दिया।. तामार के राजा के पुत्र ने कर्णपुर का राजा बनाया लेकिन उसने वृक्ष वर्षों तक कर नहीं दिया। बगदेव को टैक्स निकालने के लिए कर्णपुरा भेजा गया था। बगदेव ने कपरदेव के राजा को हराया और उसे मार डाला। उसने उनके महुदीगढ़ किले को भी नष्ट कर दिया। बगदेव सिंह, जो वैसे भी विद्रोह को दबाने के बाद क्षेत्र के नियंत्रण में था, बस रुक गया और खुद को उस क्षेत्र का राजा घोषित कर दिया, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह 22 परगना (जिलों) था।[6][7]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. . आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9390101160 https://books.google.com/books?id=5hXYDwAAQBAJ&pg=PA17. नामालूम प्राचल |पेज= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |प्रकाशक= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |शीर्षक= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |पहुंच-तिथि= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |दिनांक= की उपेक्षा की गयी (मदद); गायब अथवा खाली |title= (मदद)
  2. प्रभु. https://books.google.com/books?id=7CenDwAAQBAJ&pg=PT41. नामालूम प्राचल |एक्सेसडेट= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |शीर्षक= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |तारीख= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |फर्स्ट1= की उपेक्षा की गयी (मदद); गायब अथवा खाली |title= (मदद)
  3. साँचा:पुस्तक उद्धृत करें
  4. साँचा:उद्धरण पुस्तक
  5. साँचा:पत्रिका का हवाला दें ]]. .तामार के राजा के पुत्र ने कर्णपुर का राजा बनाया, परन्तु वर्षों तक उसने कर नहीं दिया। बगदेव को टैक्स निकालने के लिए कर्णपुरा भेजा गया था। बगदेव ने कपरदेव के राजा को हराया और उसे मार डाला। उसने उनके महुदीगढ़ किले को भी नष्ट कर दिया। बगदेव सिंह, जो वैसे भी विद्रोह को दबाने के बाद क्षेत्र के नियंत्रण में था, बस रुक गया और खुद को उस क्षेत्र का राजा घोषित कर दिया, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह 22 परगना (जिलों) था।<ref>साँचा:उद्धरण पुस्तक
  6. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; JHARKHAND SAMAGRA (Prabhat Prakashan) नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  7. Ranjan, Manish (19 August 2002). Jharkhand Samanya Gyan. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789351867982. अभिगमन तिथि 6 April 2022.