फूलो मुर्मू और झानो मुर्मू

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फूलो मुर्मू और झानो मूर्मू संथाल जनजाति के मुर्मू समुदाय की दो वीरांगनाएँ थीं। दोनों का जन्म भोगनाडीह गांव में हुआ था जो वर्तमान समय में झारखण्ड के अन्तर्गत आता है। भारत पर जब अंग्रेजों का शासन था उस काल में परम्परा और रूढ़िवादी सोच को पीछे छोड़ते हुए फूलो और झानो ने अंग्रेज़ी शासन के अत्याचारों के विरुद्ध विद्रोह किया। इन दोनों ने अपने भाइयों से प्रेरणा लेकर उनके साथ कंधे से कंधे मिलाकर अंग्रेजों के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]