फ़ीनिक्स (मिथक)

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फ़ीनिक्स पक्षी का एक चित्रण
अगर आप अमरपक्षी (फ़ीनिक्स) नाम के तारामंडल के बारे में जानकारी ढूंढ रहें हैं, तो अमरपक्षी तारामंडल का लेख देखिये

फ़ीनिक्स या अमरपक्षी या मायापंछी (अंग्रेज़ी: Phoenix, यूनानी: Φοίνιξ, अर्मेनियाई: Փիւնիկ, फ़ारसी: ققنوس, अरबी: العنقاء أو طائر الفينيق, चीनी: 鳳凰 or 不死鳥, हिब्रू: פניקס) एक प्राचीन मृथक ज्वलन्त-पक्षी है जो अरब, ईरानी, यूनानी, रोमन, मिस्र, चीनी और भारतीय मृथकों व दंतकथाओं में पाया जाता है।

फ़ीनिक्स एक बेहद रंगीन पक्षी है जिसकी दुम सुनहरी या बैंगनी होती है (कुछ कथाओं के अनुसार हरी या नीली). इसका जीवनचक्र ५०० से १००० वर्षों का होता है जिसके अंत में यह खुद के इर्द-गिर्द लकडियों व टहनियों का घोसला बनाकर उसमें स्वयं जल जाता है। घोसला और पक्षी दोनों जल कर राख बन जाते हैं और इसी राख से एक नया फ़ीनिक्स या उसका अंडा पुनर्जन्म लेता है। इस नए जन्मे फ़ीनिक्स का जीवन काल पुराने फ़ीनिक्स जितना ही होता है। कुछ कथाओं के अनुसार नया फ़ीनिक्स अपने पुराने रूप की राख एक अंडे में भर कर मिस्र के शहर हेलिओपोलिस (जिसे यूनानी भाषा में "सूर्य का शहर" कहते हैं) में रख देता है। यह कहा जाता है कि इस पक्षी की चिख़ के मधुर गीत जैसी होती है। अपने ही राख से पुनर्जन्म लेने की काबलियत के कारण यह माना जाता है कि फ़ीनिक्स अमर है हालांकि कुछ कहानियों के अनुसार नया फ़ीनिक्स पुराने का बच्चा होता है। कुछ प्राचीन कहानियों के अनुसार ये मानवों में तबदील होने की काबलियत रखते हैं।

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