फ़िरिश्ता
फ़िरिश्ता | |
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जन्म |
मुहम्मद कासिम हिन्दू शाह Astarabadi ल. 1570[1] Astarabad, Safavid Iran |
मौत |
1620 |
फ़िरिश्ता या फ़ेरिश्ता (उर्दू: فرِشتہ), पूरा नाम मुहम्मद कासिम हिन्दू शाह (उर्दू: مُحمّد قاسِم ہِندُو شاہ ), एक फारसी इतिहासकार था जिसका जन्म १५६० में हुआ था एवं मृत्यु १६२० में हुई थी।[2]फ़िरिश्ता या फ़रिश्ता नाम फ़ारसी में खुदा का भेजा एक दूत होता है।[उद्धरण चाहिए]
जीवन
[संपादित करें]फ़िरिश्ता का जन्म कैस्पियन सागर के तटीय नगर अस्त्राबाद में गुलाम अली हिन्दू शाह के घर हुआ था। अपने बचपन में ही फ़िरिश्ता अपने पिता के संग भारत में अहमदनगर आ बसे। वहां के निज़ाम के शहज़ादे मिरान हुसैन निज़ाम शाह को फ़ारसी पढ़ाने का न्यौता इनके पिता को मिला था, जिसके साथ इन्होंने भी अपनी पढ़ाई की। १५८७ में फ़िरिश्ता राजा मुर्तज़ा निज़ाम शाह के अंगरक्षकों का सरदार बना, जब शहज़ादे मिरान ने अपने पिता का तख्तापलट कर अहमदनगर की गद्दी पर अधिकार कर लिया था। शहजादे ने अपने पुराने मित्र की जान बख्श दी, और तब १५८९ में फ़िरिश्ता बीजापुर के सुल्तान इब्राहिम आदिल द्वितीय के सेवा में लग गये।[उद्धरण चाहिए]
अभी तक सैन्य पदों पर रहे फ़िरिश्ता बीजापुर में अपने नये पद पर खरे नहीं उतर पा रहे थे। इस पर और बदतर स्थिति ये थी कि वे शिया थे अतः सुन्नी प्रभुत्व वाली दक्खिन सल्तनत में इन्हें बहुत ऊंचा पद मिलने की संभावना भी नहीं थी।१५९३ में इब्राहिम शाह द्वितीय ने अंततः फ़िरिश्ता को भारत के इतिहास लिखने का कार्य दिया, जिसमें दक्खन के राजवंशों पर पूरा जोर दिया गया हो। अभी तक पूरे महाद्वीप में सभी क्षेत्रों के इतिहास को बराबर स्तर नहीं दिया था।[उद्धरण चाहिए]
कार्य अवलोकन
[संपादित करें]इनके कार्य को भिन्न नामों से जाना जाता है, मुख्यतः इसे तारीख-ए-फ़िरिश्ता और गुल्शन-ए-इब्राहिम नाम से जाना जाता है।
रारीखे फ़िरिश्ता में मुख्य रूप से निम्नलिखित पुस्तकें सम्मिलित हैं:[3][Full citation needed]
- गजनी और लाहौर केशासक
- दिल्ली के शासक
- दक्खन के शासक - ६ अध्यायों में बंटी हुई है::
- गुलबर्गा
- बीजापुर
- अहमदनगर
- तिलंग
- बिरार
- बीदर
- गुजरात के शासक
- मालवा के शासक
- खानदेश के शासक
- बंगाल और बिहार के शासक
- मुल्तान के शासक
- सिंध के शासक
- कश्मीर के शासक
- मालाबार का ब्यौरा
- भारत के संतों का एक ब्यौरा
- निष्कर्ष - भारत के जलवायु एवं भूगोल का एक बखान
कार्य
[संपादित करें]- फ़िरिश्ता, मुहम्मद कासिम हिन्दू शाह अस्तराबादी (१७९४). Ferishta's History of Dekkan..(Vol. 1) [फ़िरिश्ताज़ हिस्ट्री आफ़ दक्खन.।(खण्ड-१) (in अंग्रेज़ी). जोनाथन स्कौट (अनुवाद). लंदन: जौन स्टौक्स्डेल, लंदन. Archived from the original on 6 मार्च 2016. Retrieved 26 जुलाई 2018.
- फ़िरिश्ता, मुहम्मद कासिम हिन्दू शाह अस्तराबादी (१७९४). Ferishta's History of Dekkan..(Vol. 2) [फ़िरिश्ताज़ हिस्ट्री आफ़ दक्खन.।(खण्ड-२) (in अंग्रेज़ी). जोनाथन स्कौट (अनुवाद). लंदन: जौन स्टौक्स्डेल, लंदन. Archived from the original on 6 मार्च 2016. Retrieved 26 जुलाई 2018.
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
<ref>
का गलत प्रयोग;Iranica
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ "Medieval Period". Government of Maharashtra. Archived from the original on May 28, 2008. Retrieved 2008-08-30.
- ↑ Elliot, Henry Miers. The History of India, As Told by Its Own Historians. BiblioBazaar. Retrieved 2009-02-20.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- इस लेख की सामग्री सम्मिलित हुई है ब्रिटैनिका विश्वकोष एकादशवें संस्करण से, एक प्रकाशन, जो कि जन सामान्य हेतु प्रदर्शित है।.
- Devare, T. N. एक लघु इतिहास के फारसी साहित्य; पर बहमनी, Adilshahi, और Qutbshahi अदालतों. पूना: S. Devare, 1961.