प्यासा (1957 फ़िल्म)
प्यासा | |
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निर्देशक | गुरु दत्त |
लेखक | अबरार अलवी |
निर्माता | गुरु दत्त |
अभिनेता |
माला सिन्हा, गुरु दत्त, वहीदा रहमान, रहमान, जॉनी वॉकर, कुमकुम, लीला मिश्रा, श्याम, महमूद, टुन टुन, मोनी चटर्जी, |
छायाकार | वी॰के॰ मूर्ति |
संपादक | वाई॰जी॰ चव्हाण |
संगीतकार | सचिन देव बर्मन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
146 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
लागत | 20 लाख |
प्यासा गुरु दत्त निर्देशित, निर्मित और अभिनीत 1957 की भारतीय फ़िल्म है। फ़िल्म में विजय नामक संघर्षरत कवि की कहानी है जो स्वतंत्र भारत में अपने कार्य को प्रकाशित करना चाहता है। फ़िल्म का संगीत एस॰डी॰ बर्मन ने दिया है। प्यासा भारत तथा विश्व की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में गिनी जाती है।[1][2][3]
पटकथा
[संपादित करें]विजय (गुरु दत्त) एक असफल कवि है जो जिसका कार्य प्रकाशक अथवा उसके भाई (जो उसकी कविताओं को बेकार के कागजों में बेचते हैं) गम्भीरता से नहीं लेते। वह निकम्मा होने के ताने नहीं सुन सकने के कारण घर से बाहर रहता है और गली-गली मारा-मारा घुमता है। उसे गुलाबो (वहीदा रहमान) नामक एक अच्छे दिल की वैश्या से मिलता है जो उसकी कविताओं से अनुरक्त है और उससे प्रेम करने लग जाती है। उसकी मुलाकात उसकी कॉलेज की पूर्व प्रेमिका मीना (माला सिन्हा) से होती है और उसे पता चलता है कि उसने वित्तीय सुरक्षा के लिए एक बड़े प्रकाशक मिस्टर घोष (रहमान) के साथ विवाह कर लेती है। घोष उसे अपनी पत्नी मीना के बारे में अधिक जानने के लिए नौकरी पर रख लेता है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- माला सिन्हा – मीना
- गुरु दत्त – विजय
- वहीदा रहमान – गुलाब
- रहमान – मिस्टर घोष
- जॉनी वॉकर - अब्दुल सत्तार
- कुमकुम – जुही
- लीला मिश्रा – विजय की माँ
- श्याम कपूर – श्याम
- महमूद – विजय का भाई
- टुन टुन – पुष्पलता
- मोनी चटर्जी – चटर्जी
दल
[संपादित करें]संगीत
[संपादित करें]क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आज साजन मोहे अंग लगालो" | गीता दत्त | 04:42 |
2. | "हम आपकी आँखों में" | गीता दत्त, मोहम्मद रफ़ी | 05:28 |
3. | "जाने क्या तूने कही" | गीता दत्त | 03:53 |
4. | "जाने वो कैसे लोग" | हेमन्त कुमार | 04:04 |
5. | "सर जो तेरा चकराये" | मोहम्मद रफी | 04:08 |
6. | "ये दुनिया अगर मिल भी जाये" | मोहम्मद रफ़ी | 04:54 |
7. | "ये हँसते हुये फूल" | मोहम्मद रफ़ी | 07:23 |
8. | "जिन्हें नाज़ है हिन्द पर" | मोहम्मद रफ़ी | 05:52 |
9. | "तंग आ चुके हैं कश-मकश-ए ज़िन्दगी से हम" | मोहम्मद रफ़ी | 04:13 |
रोचक तथ्य
[संपादित करें]परिणाम
[संपादित करें]समीक्षाएँ
[संपादित करें]नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- ↑ "Pyaasa (R/I)". Independent Cinema Office (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-06-03.
- ↑ Staff, TIME (2011-10-03). "ALL-TIME 100 Movies List". Time (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0040-781X. अभिगमन तिथि 2021-06-03.
- ↑ "100 Years of Indian Cinema: The 100 greatest Indian films of all time". News18 (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-06-03.