पी विजी

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पी विजी भारत में असंगठित महिलाओं की यूनियन बनाने वाली पहली महिलाओं में से एक हैं। [1]

पहल[संपादित करें]

जब पी विजी ने देखा कि आंगनवाड़ी, कपड़ा मिलों और गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में काम करनेवाली कई महिलाएं दिनभर पानी नहीं पीती थीं, क्योंकि उनके पास शौचालय की कोई सुविधा नहीं थी, तो उन्होंने असंगठित महिलाओं का एक समूह बनाया – पेनकूट।

यूनियन[संपादित करें]

तीन साल बाद उन्होंने इसे ट्रेड यूनियन की शक्ल दी. काम की जगह पर सुविधाओं की मांग के साथ बनी ‘अज़ंगाढ़ा मेखला थोएलाली यूनियन’ ने फिर बेहतर वेतन का मुद्दा भी उठाया।[2]

इस यूनियन में 85 फ़ीसदी कर्मचारी यानि 6,000 से ज़्यादा महिलाएं हैं।[3]

प्रेरणा[संपादित करें]

46 साल की विजी को मुन्नार की महिलाओं की प्रेरणा भी माना जाता है जिन्होंने देश की सबसे बड़ी चाय कंपनी में एक के मालिकों को झुका कर 20 फ़ीसदी बोनस हासिल किया। [4]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 20 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2016.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2016.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 31 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2016.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 21 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2016.

एक्सटर्नल लिंक[संपादित करें]

  1. https://www.facebook.com/penkoottu/