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पार्श्वनाथ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग

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पार्श्वनाथ कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग (पार्श्वनाथ अभियांत्रिकी कॉलेज)

स्थापना:१९९४
प्रकार:निजी, जैन धार्मिक अल्पसंख्यक कॉलेज.
प्रधानाचार्य:डॉ॰ उत्तम कोलेकर
स्नातक:> १४००
स्थिति:कासरवदवली, घोडबन्दर मार्ग, ठाणे (पश्चिम), महाराष्ट्र, भारत
(निर्देशांक: 19°16′05.29″N 72°58′02.89″E / 19.2681361°N 72.9674694°E / 19.2681361; 72.9674694)
परिसर:शहरी, संजय गाँधी राष्ट्रीय उद्यान के वन क्षेत्र के निकट.
परिवर्णी शब्द:PCoE
संबद्ध:मुंबई विद्यापीठ
जालस्थल:www.pctce.com


पार्श्वनाथ कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग (Parshvanath College of Engineering - पार्श्वनाथ अभियांत्रिकी कॉलेज)[1] एक निजी अभियांत्रिकी कॉलेज है। यह भारत के महाराष्ट्र राज्य के ठाणे जिले में घोडबन्दर मार्ग पे कासर वदवली में स्थित है। यह कॉलेज सन १९९४ में स्थापित किया गया था और पार्श्वनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्रबंधित है। यह एक जैन धार्मिक अल्पसंख्यक कॉलेज है। यह मुंबई विद्यापीठ का एक अभियांत्रिकी कॉलेज है और इसे भारत सरकार के अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (AICTE) और महाराष्ट्र राज्य सरकार के तकनीकी शिक्षा निदेशालय (DTE) से मान्यता प्राप्त है।

यह कॉलेज मुंबई विद्यापीठ की बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (B.E.) डिग्री निम्नलिखित ६ में से किसी १ विषय में प्रदान कर सकता है: मैकेनिकल इंजीनियरिंग (यांत्रिकी अभियांत्रिकी), इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इन्फोर्मय्शन टेक्नोलोजी (सूचना प्रौद्योगिकी), सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलेकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग। इन स्नातक पाठ्यक्रमों की साधारण अवधि ४ वर्ष है।

यह कॉलेज सन १९९४ में पार्श्वनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा स्थापित किया गया था। उस समय इस ट्रस्ट के न्यासी श्री टेकचंद शाह थे। शुरुआत में यहाँ ३ विषयों (कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलेकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग) में मुंबई विद्यापीठ की बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग डिग्री प्रदान की जाती थी। छात्रों के पहले बैच ने १९९८ में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बाद में नए अभियांत्रिकी विभां शुरू किये गए: १९९६ में मैकेनिकल इंजीनियरिंग (यांत्रिकी अभियांत्रिकी) (छात्रों के पहले बैच ने २००० में स्नातक की उपाधि प्राप्त की), २००० में इन्फोर्मय्शन टेक्नोलोजी (सूचना प्रौद्योगिकी) (छात्रों के पहले बैच ने २००४ में स्नातक की उपाधि प्राप्त की) और २०१० में सिविल इंजीनियरिंग (छात्रों का पहला बैच २०१४ में स्नातक की उपाधी प्राप्त करेगा)। [2] सभी अभियांत्रिकी विभाग मुंबई विद्यापीठ की डिग्री प्रदान करते हैं।

यह कॉलेज अपने पुराने, ४-मंज़ली परिसर (कैम्पस) से नए, ५-मंज़ली परिसर में २००५ में स्थानांतरित हुआ। उसके बाद पुराना परिसर/इमारत एक "पौलीटैक्निक" की तरह इस्तमाल किया गया, जहां ३ वर्षीय अवधि के अभियांत्रिकी डिप्लोमा प्रदान किये जाने लगे. २०१० तक दोनों डिग्री कॉलेज और डिप्लोमा पोलीटेकनिक के प्रशासनिक और वित्तीय कार्यालय एक ही थे, जो पुराने परिसर में स्थित थे। २०१० में दोनों संस्थानों को अपने अलग-अलग कार्यालय मिले, जो उनके अपने परिसर में ही स्थित थे।

अतीत में इस कॉलेज के कुछ विवाद और मुद्दे खड़े हुए हैं, जो इस अनुच्छेद की "मुद्दे और विवाद" धारा में अलग से वर्णित किये गए हैं।

परिसर (कैंपस)

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इस कॉलेज का पहला परिसर (कैम्पस) घोडबन्दर मार्ग के दक्षिणी ओर एक ४-मंज़िली इमारत थी। नया परिसर एक ५-मंज़िली इमारत है, जो घोडबंदर मार्ग की उत्तरी ओर स्थित है। यह इमारत "वीरमाता हीराबेन पी. शाह फ़ार्मसी कॉलेज" की ६-मंजिली इमारत से जुड़ी हुई है। फ़ार्मसी कॉलेज भी पार्श्वनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्रबंधित है। दोनों इंजीनियरिंग और फ़ार्मसी कॉलेज अन्दर से जुड़े हुआ हैं, पर दोनों के अलग-अलग कार्यालय, कक्षाएं, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, सेमिनार हॉल इत्यादी हैं। केवल कैंटीन एक है, जो फ़ार्मसी कॉलेज की तल मंज़िल में स्थित है।

पुराने परिसर में अब "एम्. एम्. जे. शाह पौलीटैक्निक" है जो ३-वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा प्रदान करती है।

कॉलेज का कैम्पस घोडबंदर मार्ग पे कासर वडवली नाका में स्थित है। पास के कुछ रुची के स्थानों में शामिल है: खरीदारी परिसर जहां हाइपरसिटी मॉल, बिग मैगा मार्ट, मैकडॉनल्ड्स फ़ास्ट फ़ूड रेस्तरां हैं। पास में कुछ व्यावसायिक इमारत (जैसे की जी-कौर्प की इमारत) और कई मौजूदा और निर्माणाधीन आवासीय क्षेत्र भी हैं।

विभिन्न छोटे स्थानीय दुकानें और रेस्तरां भी पास में मौजूद हैं।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग (यांत्रिक अभियांत्रिकी)

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कंप्यूटर इंजीनियरिंग

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इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलेकम्यूनिकेशन (दूरसंचार) इंजीनियरिंग

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इन्फोर्मय्शन टेक्नोलोजी (सूचना प्रौद्योगिकी)

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सिविल इंजीनियरिंग

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इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग

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व्यावहारिक विज्ञान और मानविकी

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पाठ्येतर गतिविधियाँ

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इस कॉलेज में छात्रों के अनेक क्लब और सोसाइटी हैं। इनमें से एक प्रमुख क्लब है "पेहेल" जो सामाजिक कार्य के लिए समर्पित छात्रों का क्लब है। यह शैक्षिक वर्ष २००९-१० में प्रथम वर्षीया छात्रों द्वारा स्थापित किया गया था और आज तक इसके सदस्यों ने अनेक सामाजिक कार्य किये हैं, जैसे रक्तदान शिविर, नगरपालिका विद्यालयों के लिए छात्र गतिविधी दिन, वंचितों अनर बेघर के लिए दान, आदि।

पुस्तकालय

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अनुसंधान और विकास सेल

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ट्रेनिंग और प्लेसमेंट कार्यालय

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मुद्दों और विवाद

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इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 9 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.
  2. http://www.dte.org.in/StaticPages/frmInstituteSummary.aspx?InstituteCode=3195[मृत कड़ियाँ]

बाहरी कड़ियाँ

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