पल्युल संप्रदाय
दिखावट
पल्युल संप्रदाय पल्युल मठ तिब्बती बौद्ध धर्म के ञिङमा पारम्परिक छ मूल मठ में से एक है। इस मठ को पल्युल संप्रदाय के प्रथम सिंहासन धारक विद्याधर कुन्जाङ शेसरब द्वारा 1665 में स्थापित किया गया था, जो आजकल चीन के सिचुआन प्रांत, बैयु काउंटी, गर्जे तिब्बती स्वायत्त प्रान्त के पूर्वी शहर में है। वास्तव में पल्युल एक जगह का नाम था और बाद में उस जगह पर स्थापित मठ और गोन्पा को पल्युल मठ या पल्युल गोन्पा कहा गया, और उसी मठ से सम्बंधित बौद्ध महासिद्ध और गुरु द्वारा दिएगए बौद्ध शिक्षण संप्रदाय का नाम भी पल्युल संप्रदाय रहा गया।
पल्युल सम्प्रदायमाको महासन्धि (अतियोग) पारम्परिक वंशावली
[संपादित करें]- धर्मकाया समन्तभद्र
- वज्रधरा
- वज्रसत्त्व
- अवलोकितेश्वर
- आचार्य प्रहेवज्र
- आचार्य मंजुश्रिमित्र
- आचार्य श्रीसिंह
- आचार्य ज्ञानसूत्र
- आचार्य पद्म संभव
- भिक्षु नाम्खायी ञिङपो
- डाकिनी येशेस छोग्याल
- नानम दोर्जे दुद्जोम
- राजकुमार मुठ्री चन्पो
- निधिअन्वेषक जांपो ड्रग्प
- ट्रुल्कु रिग्जीन छेन्पो
- कुन्पंस दोन्योद ग्याल्छन
- ग्युद्जिन सोद्नम छोस्जाङ
- महासिद्ध थांतोङ ग्याल्पो
- बोधिसत्त्व कुन्गा ञिमा
- ठ्रुल्शीग त्रयाकेतु
- छन्दन त्रयवज्र
- धर्मस्वामी बोधिसिंह
- ट्रुल्कु ट्राशी ग्यम्छो
- ड्रुब्वाङ तोन्पा सेंगे
- ट्रुल्कु छोस्ञिद् ग्यम्छो
- निधिअन्वेषक मिग्युर दोर्जे
- विद्वान महासिद्ध ख्यास्ड्रुब कर्मछाग्मेद
- विद्याधर कुन्जाङ शेसरब
- पद्म ल्हुन्ड्रुब ग्यम्छो
- सिद्धेश्वर पद्म नोर्बु
- कर्म छोस्पल जांपो
- कर्म ल्हवाङ
- ग्युर्मेद ङेस्दोन तन्जीन
- पद्म दोंगस तन्जीन
- दोंगस छोस्क्यी ञिमा
- रिग्जीन पल्छेन दुस्प
- थुब्तन छोस्क्यी दावा
- पद्म नोर्बु रिन्पोछे
- कर्म कुछेन रिन्पोछे
- मिग्युर देछेन गरवाङ सिल्नोन दोर्जे
हृदय बिन्दु पारम्परिक वंशावली
[संपादित करें]जोग्छेन गोंप संथलको पारम्परिक वंशावली
[संपादित करें]गगंधर्मा महासन्धि पारम्परिक वंशावली [1]
[संपादित करें]- धर्मकाया समन्तभद्र
- महा वज्रधार
- वज्रसत्त्व
- अवलोकितेश्वर
- आचार्य प्रहेवज्र
- आचार्य श्री सिंह
- आचार्य पद्म सम्भव
- दोर्जे ड्रग्पोचल
- विद्वान महासिद्ध ख्यास्ड्रुब कर्मछाग्मेद
- विद्याधर कुन्जाङ शेसरब
- पद्म ल्हुन्ड्रुब ग्यम्छो
- सिद्धेश्वर पद्म नोर्बु
- कर्म ट्राशी
- कर्म दोन्दम
- कर्म ग्युर्मेद
- ग्युर्मेद ङेस्दोन तन्जीन
- पद्म दोंगस तन्जीन
- दोंगस छोस्क्यी ञिमा
- रिग्जीन पल्छेन दुस्प
- पद्म गरवाङ तन्जीन
- थुब्तन छोस्क्यी दावा
- पद्म नोर्बु रिन्पोछे
- कर्म कुछेन रिन्पोछे
- मिग्युर देछेन गरवाङ सिल्नोन दोर्जे
हृदय बिन्दु पारंपरिक वंशावली
[संपादित करें]जोग्छेन गोंप संथल के अलावा पारंपरिक वंशावली
[संपादित करें]गगंधर्मा महासन्धि पारम्परिक वंशावली [1]
[संपादित करें]- धर्मकाया समन्तभद्र
- महा वज्रधार
- वज्रसत्त्व
- अवलोकितेश्वर
- आचार्य प्रहेवज्र
- आचार्य श्री सिंह
- आचार्य पद्म सम्भव
- दोर्जे ड्रग्पोचल
- विद्वान महासिद्ध ख्यास्ड्रुब कर्मछाग्मेद
- विद्याधर कुन्जाङ शेसरब
- पद्म ल्हुन्ड्रुब ग्यम्छो
- सिद्धेश्वर पद्म नोर्बु
- कर्म ट्राशी
- कर्म दोन्दम
- कर्म ग्युर्मेद
- ग्युर्मेद ङेस्दोन तन्जीन
- पद्म दोंगस तन्जीन
- दोंगस छोस्क्यी ञिमा
- रिग्जीन पल्छेन दुस्प
- पद्म गरवाङ तन्जीन
- थुब्तन छोस्क्यी दावा
- पद्म नोर्बु रिन्पोछे
- कर्म कुछेन रिन्पोछे
- मिग्युर देछेन गरवाङ सिल्नोन दोर्जे
अनुयोग पारंपरिक वंशावली
[संपादित करें]महायोग पारंपरिक वंशावली
[संपादित करें]महामुद्र पारंपरिक वंशावली
[संपादित करें]- जिन वज्रधार
- श्री वज्र योगिनी
- बोधिसत्त्व तिलोपा
- विद्वान सिद्ध नारोपा
- स्वामी महा मैत्रिपा
- मार्पा लोचावा (अनुवादक मार्पा)
- जेचुन मिलारेपा
- द्वाग्पो ल्हजे
- पल्दन फग्मो ड्रुब्प
- छोस्जे मार्पा रिन्छेन
- छुंमेद यांगोन रिन्छेन
- क्येस्छोग च्यान्ङ रिन्छेन
- ग्यल्स्रस वुचे रिन्छेन
- ट्रूल्कु रिन्छेन लिंप
- खान्छेन वोद्सेर लामा
- ड्रोगोन शिंगोन रिन्छेन
- छुंमेद छोस्क्यी दोर्जे
- खस्चुन ज्ञान केतु
- छ्योगमेद ज्यांसेम्स छोस्जे
- ठ्रुल्शीग त्रयाकेतु
- छन्दन त्रयवज्र
- ख्यास्छोग शक्यायी छन्चेन
- धर्मस्वामी बोधिसिंह
- ट्रुल्कु ट्राशी ग्यम्छो
- ड्रुब्वाङ तोन्पा सेंगे
- ट्रुल्कु छोस्ञिद् ग्यम्छो
- ठ्रुल्शीग तोन्पा ग्याल्छन
- विद्याधर कुन्जाङ शेसरब
- पद्म ल्हुन्ड्रुब ग्यम्छो
- सिद्धेश्वर पद्म नोर्बु
- कर्म छोस्पल जांपो
- कर्म ल्हवाङ
- ग्युर्मेद ङेस्दोन तन्जीन
- पद्म दोंगस तन्जीन
- दोंगस छोस्क्यी ञिमा
- रिग्जीन पल्छेन दुस्प
- थुब्तन छोस्क्यी दावा
- पद्म नोर्बु रिन्पोछे
- कर्म कुछेन रिन्पोछे
- मिग्युर देछेन गरवाङ सिल्नोन दोर्जे
विनय प्रतिमोक्ष के पारंपरिक वंशावली [2]
[संपादित करें]- बुद्ध शाक्यमुनि
- शारिपुत्र
- राहुल (राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के पुत्र)
- ब्रह्म राहुल
- आचार्य नागार्जुन
- आचार्य भावविवेक
- आचार्य श्री गुप्त
- आचार्य ज्ञानगर्भ
- महोपाध्या्य शन्तरक्षित
- ब रत्न
- चंप रब्सल
- शक्यमुने
- यो गेव ज्युंनस
- गोंस्प रब्सल
- लुमेस छुल्ठ्रिम्स शेसरब
- दोर्जे ग्याल्छन
- नेवो ड्रग्प
- ड्रे छेन शेसरब बार
- चोन्ड्रुस बार
- शोन्नु सेंगे
- ड्रोतोन दुद्ची ड्रग्स
- छिम्छेन नम्खा ड्रग्स
- ड्रग्स शेर्वा
- छिम्तोन व्लोजाङ ड्रगस्प
- कुन्ग्यल जे
- ड्रुब्प शेसरब
- पन्छेन गेदुन ड्रुब्प
- नास्ञिङ कुन्गा
- गेदुन ग्यम्छो
- गेलेग पल्जाङ
- पल्ज्योर ग्यम्छो
- कोन्छोग छोस्फेल
- कोन्छोग तन्जीन
- ंगवाङ छोस्पल
- छोस्क्यी ड्रगस्प
- ग्युर्मेद छोस्दन
- ओग्यान तन्जीन
- रिग्जीन जांपो
- पद्म मंगल
- शान्फन थायास
- थुब्तन ग्याल्छन
- दोर्जे पल्जाङ
- कल्जाङ वांछ्युग
- छोस्क्यी ग्यम्छो
- छोस्क्यी दावा
- शद्ड्रुब छोस्क्यी ड्रयांस् (पद्म नोर्बु रिन्पोछे)
- कर्म कुछेन
- मिग्युर देछेन गरवाङ सिल्नोन दोर्जे
पल्युल सम्प्रदायको चौदह सिंहासन-धारक
[संपादित करें]- विद्याधर कुन्जाङ शेसरब (rig 'dzin kun bzang shes rab, १६३६-१३९८)। [3]
- पद्म ल्हुनड्रुब ग्यम्छो
- सिद्धेश्वर पद्म नोर्बु
- कर्म ट्राशी
- कर्म ल्हावाङ र कर्म दोन्दम
- ग्युर्मेद ङेस्दोन तन्जीन
- पद्म दोंगस् तन्जीन
- दोंगस् छोस्क्यी ञिमा
- रिग्जीन पल्छेन दुस्प
- कर्म थेग्छोग ञिंपो
- पद्म नोर्बु रिन्पोछे
- कर्म कुछेन थुब्तन छुल्ठ्रिम नोर्बु वोद्सल ठ्रिन्लस् पल्जांपो (पल्युल संप्रदाय के वर्तमान सिंहासन धारक)
- मिग्युर देछेन गरवाङ सिल्नोन दोर्जे (पल्युल संप्रदाय के आगामी सिंहासन धारक)
अन्य व्यक्ति
[संपादित करें]- Smpl dorse (एन और 20 वीं शताब्दी) [4]
टिप्पणी
[संपादित करें]- ↑ अ आ གནམ་ཆོས་ཐུགས་ཀྱི་གཏེར་ཁ་སྙན་བརྒྱུད་ཟབ་མོའི་སྐོར་ལས། གཏེར་མ་བརྒྱུད་པའི་གསོལ་འདེབས། དཔལ་ཡུལ་ཆོས་སྤྱོད།
- ↑ http://www.tbrc.org/eBooks/W29675-5562-1-276-any.pdf[मृत कड़ियाँ]
- ↑ Chhosphel, Samten। (August 2011)। "Namcho Mingyur Dorje". The Treasury of Lives: Biographies of Himalayan Religious Masters। अभिगमन तिथि: 2013-10-08
- ↑ Gardner, Alexander (November 2011). "Jampel Dorje". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-10-08.
सन्दर्भ
[संपादित करें]- वियतनाम चो Ngondro, महान पूर्णता में बुद्ध हाथ की हथेली. Gyaltrul रिनपोछे, येशे Nyingpo, Ashland, Oregon, (c)1986
- Ven. सेरिंग लामा Jampal Zangpo, एक माला अमर की इच्छा को पूरा करने के पेड़ के Palyul परंपरा के Nyingmapa. बर्फ शेर, (c)1988
- दोरजी वांगचुक (Universität हैम्बर्ग): Das dPal-yul-KIoster इतिहास में अंड Gegenwart: मरने Wiederbelebung einer klösterlichen परंपरा के rNying-मा-Schule (पीडीएफ-Datei; == बाहरी कड़ियाँ ==1,8 MB)
- གཞི་གསུམ་ཆོ་གའི་ཟིན་བྲིས། ཐུབ་བསྟན་ཆོས་ཀྱི་གླང་པོས་མཛད་པ།[मृत कड़ियाँ]
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]इस लेख के बारे में एक बौद्ध मठ या आश्रम है एक स्टब है। आप मदद कर सकते हैं विकिपीडिया के द्वारा इसे विस्तार. |