निष्कर्षण धातुकर्मिकी
निष्कर्षण धातुकर्मिकी या निष्कर्षण धातुकर्म (Extractive metallurgy) के अन्तर्गत किसी अयस्क से धातु प्राप्त करना, उसको शुद्ध करना एवं उसकी पुनर्चक्रण (री-साइक्लिंग) करने की प्रक्रियाओं एवं उससे सम्बन्धित विषयों का अध्ययन किया जाता है।
परिचय
[संपादित करें]पृथ्वी के गर्भ (क्रस्ट) में पायी जाने वाली अधिकांश धातुएँ आक्साइड या सल्फाइड यौगिकों के रूप में होती हैं। इसलिये इनसे धातु प्राप्त करने के लिये इनका अपचयन (reduction) करना पहली जरूरत है। इन यौगिकों का रेडॉक्स दो विधियों से किया जा सकता है - रासायनिक विधि या विद्युत अपघटन की विधि से। कुछ धातुओं के निष्कर्षण् के लिये दोनो ही विधियों का प्रयोग करना पड़ता है। किन्तु निष्कर्षण के पहले धातु के अयस्क में से धातु के यौगिक को उपयुक्त विधि द्वारा अलग करना पड़ता है। इसके लिये अयस्क का रासायनिक प्रसंस्करण, या भौतिक प्रसंस्करण, या दोनो प्रसंस्करण करने पड़ते हैं।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- प्रगलन (स्मेल्टिंग)