निर्मोहगढ़ का युद्ध (1702)

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Battle of Nirmohgarh
Mughal-Sikh Wars and Hill States-Sikh Wars का भाग
तिथि 1702
स्थान Nirmohgarh, 4 km south of Kiratpur, District Rupnagar.
परिणाम Khalsa victory.[1][2]
योद्धा
Khalsa (Sikhs) Mughal Empire
सेनानायक
Guru Gobind Singh
Bhai Daya Singh
Bhai Dharam Singh
Bhai Mohkam Singh
Bhai Himmat Singh
Bhai Sahib Singh
Wazir Khan

साँचा:Campaignbox Mughal-Sikh Warsनिर्मोहगढ़ का युद्ध 1702 में सिखों और मुगल साम्राज्य के बीच लड़ा गया था जिसमें सिख विजयी हुए थे।

पृष्ठभूमि[संपादित करें]

आनंदपुर (1700) की खूनी लड़ाई में शाही मुगल सेना हार गई। इस युद्ध में मुगल सेना की हार की खबर सुनने के बाद औरंगजेब ने स्वयं गुरु गोबिंद सिंह के खिलाफ वजीर खान के नेतृत्व में एक नई सेना भेजी। वजीर खान शिवालिक पहाड़ियों के पहाड़ी राजाओं के बड़ी संख्या में सैनिकों के साथ आगे बढ़ा।

आनंदपुर के ठीक बाहर निर्मोहगढ़ में सतलुज नदी के तट पर सिखों से वज़ीर खान का युद्ध हुआ। मुगलों ने एक तरफ से गुरु पर हमला किया और पहाड़ी राजाओं ने दूसरी तरफ से उन पर हमला किया। लड़ाई पूरे दिन और रात तक भयंकर रूप से जारी रही। अंततः मुगलों और पहाड़ी राजाओं की संयुक्त सेना समाप्त हो गई और पीछे हटने के लिए मजबूर हो गयी।

अगली सुबह, मुगलों और पहाड़ी राजा की सेना ने फिर से हमला करना शुरू कर दिया और गुरु गोबिंद सिंह ने, खुद को बहुत अधिक संख्या में पाते हुए, उस स्थान से निकलने का फैसला किया। दुश्मन सैनिकों ने उनका पीछा किया और तब गुरु जी की सेना ने फिर लड़ने का फैसला किया। इस बार मुगलों और पहाड़ी राजाओं की संयुक्त सेना निर्णायक रूप से हार गई और दो दिनों की लड़ाई के बाद शाही मुगल सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।

संदर्भ[संपादित करें]

  1. Jacques, Tony (2006). Dictionary of Battles and Sieges. Greenwood Press. पृ॰ 732. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-313-33536-5. मूल से 2015-06-26 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2015-09-02.
  2. Sagoo, Harbans (2001). Banda Singh Bahadur and Sikh Sovereignty. Deep & Deep Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788176293006.