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नरान्तक

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नरान्तक असुरराज रावण का पांचवा पुत्र था जो रावण की दूसरी पत्नी दम्यमालिनी के गर्भ से उत्पन्न हुआ था।

नरान्तक का जन्म दम्यमालिनी की कोख से रावण के पुत्र रूप में हुआ था। नरान्तक को सबसे बलशाली और लंका का मायावी राक्षस योद्धा बताया गया है।

नरान्तक ने अपने अन्य भाइयों के समान ही असुर गुरु शुक्राचार्य से शिक्षा ली। शुक्राचार्य ने उसे सभी प्रकार का ज्ञान दिया। मल्लयुद्ध का भी वह बहुत बड़ा योद्धा था। मल्लयुद्ध उसे स्वयं उसके पिता रावण ने सिखाया था।

युद्ध एवं मृत्यु

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नरान्तक ने अपने बाहुबल से असंख्य वानर वीरों को युद्ध में परास्त किया तथा अनेकानेक वानर सैनिकों का उसने अनेकानेक वानर वीरों का वध कर दिया। उसे इस प्रकार से युद्ध करते देखकर वानरराज बालि के पुत्र अंगद ने उसे मल्लयुद्ध के लिए ललकारा। अंगद का उससे घोर युद्ध हुआ। नरान्तक का वध करने के लिए अंगद ने उसके केश पकड़कर उसे आकाश में फेंक दिया और भूमि पर गिरते ही उसकी मृत्यु हो गई।