धनभूति
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धनभूति ( ब्राह्मी : 𑀥𑀦𑀪𑀽𑀢𑀺) या वत्सिपुत्र धनभूति भारत में दूसरी या पहली शताब्दी ईसा पूर्व राजा थे। वे भरहुत स्तूप के निर्माण के लिए सबसे प्रमुख धन दाता थे। भरहुत के स्तूप के दो या तीन प्रमुख शिलालेखों में और संभवतः मथुरा के एक अन्य शिलालेख में धनभूति का उल्लेख मिलता है। [1] सम्भवतः धनभूति शुंग साम्राज्य के एक धनी थे या आसपास के क्षेत्र (जैसे कि कोसल या पांचाल), [2] के शासक थे या पंजाब के सुघना के राजा। [3] [4] ऐसा भी सम्भव है कि वह कोसाम्बी के मित्र वंश के शासक हों। [5]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Quintanilla, Sonya Rhie (2007). History of Early Stone Sculpture at Mathura: Ca. 150 BCE - 100 CE (अंग्रेज़ी में). BRILL. पृ॰ 11. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789004155374.
- ↑ Quintanilla, Sonya Rhie (2007). History of Early Stone Sculpture at Mathura: Ca. 150 BCE - 100 CE (अंग्रेज़ी में). BRILL. पृ॰ 13. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789004155374.
- ↑ "A local Buddhist kingdom in Punjab with Srughna, modern Sugh, near Jagadhri in the district of Ambala, as its capital city, and covering an area of about 1000 miles in circuit.
- ↑ Kumar, Ajit (2014). "Bharhut Sculptures and their untenable Sunga Association". Heritage: Journal of Multidisciplinary Studies in Archaeology (अंग्रेज़ी में). 2: 223‐241.
- ↑ K. D. Bajpai (October 2004). Indian Numismatic Studies. Abhinav Publications. पृ॰ 40. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7017-035-8.