द्विधातु पट्टी

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द्विधातु पट्टी का चित्र जिसमें यह दिखाया गया है कि ताप वृद्धि के कारण इस पट्टी के दोनों धातुओं के असमान प्रसार के कारण पट्टी किनारे की तरफ अपेक्षाकृत बहुत अधिक मुड़ जाती है।
किसी तापमापी से निकाली गयी द्विधातु पट्टी पर जब लाइटर से ऊष्मा देते हैं तो तापवृद्धि के कारण इसकी कुण्डली खुलने लगती है और लाइटर को बन्द कर देने पर पुनः कुण्डली अपनी मूल अवस्ता में आने लगती है।

द्विधातु पट्टी (bimetallic strip) दो धातुओं से मिलकर निर्मित पट्टी होती है। यह ताप परिवर्तन को यांत्रिक विस्थापन में बदल देती है। इस प्रकार यह कई युक्तियों में ताप की अधिकतम मान को नियंत्रित करने के काम आती है, जैसे कपड़ा प्रेस करने वाली विद्युत इस्तरी में। इसके कार्य करने का सिद्धान्त यह है कि समान मात्रा में ताप बढ़ने पर दो भिन्न धातुओं में तापीय प्रसार अलग-अलग होता है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]