दूध का कर्ज़
का कर्ज़ | |
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दूध का कर्ज़ का पोस्टर | |
निर्देशक | अशोक गायकवाड़ |
लेखक | संतोष सरोज |
निर्माता | सलीम अख्तर |
अभिनेता |
जैकी श्रॉफ, नीलम, प्रेम चोपड़ा, अरुणा ईरानी, अमरीश पुरी |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
31 अगस्त, 1990 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
दूध का कर्ज़ 1990 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसे अशोक गायकवाड़ द्वारा निर्देशित और सलीम अख्तर द्वारा निर्मित किया गया। इसे हिन्दी के साथ मराठी में भी जारी किया गया (मराठी में दुधाचे उपकार)। इसमें जैकी श्रॉफ और नीलम मुख्य भूमिकाओं में हैं।[1] इसके गीत अपने जमाने में लोकप्रिय रहे हैं।
संक्षेप
[संपादित करें]अपने नवजात बेटे सूरज के साथ सपेरन पार्वती (अरुणा ईरानी) असहाय रूप से देखती है कि उसका पति गंगू को गलत तरीके से चोरी का आरोप लगाया जाता है। फिर उसे रघुवीर सिंह (अमरीश पुरी), भैरों सिंह (सदाशिव अमरापुरकर) और सम्पत (प्रेम चोपड़ा) द्वारा पीट-पीट कर मार दिया जाता है। वह उसके शरीर का अंतिम संस्कार करती है। उसके बाद वह एक साँप और सूरज को पालती है और गंगू की मौत का बदला लेने की कसम खाती है। उसकी देखभाल धर्मा लोहार (गोगा कपूर) ने की जो सूरज को पालने में उसकी सहायता करता है।
उस साँप को पार्वती और गंगू ने अपने बेटे के रूप में मान लिया है। पार्वती साँप को अपना दूध देती है और उसे जाने को कहती है क्योंकि वो उसका भरण-पोषण नहीं कर पाएगी। सालों बाद सूरज बड़ा हो जाता है। पार्वती गंगू की मौत का बदला लेने और धर्मा की बेटी कजरी से उसका विवाह करने के लिए तैयार है। उसकी योजना बिखर जाती है जब उसे पता चलता है कि सूरज रघुवीर की बेटी रेशमा (नीलम) के प्यार में पड़ गया है। अब शायद वह अपने भावी ससुराल के खिलाफ प्रतिशोध नहीं करने का फैसला कर सकता है। सालों बाद वही साँप पार्वती के जीवन में वापस आता है और सूरज के साथ गंगू के हत्यारों का बदला लेता है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- जैकी श्रॉफ - सूरज
- नीलम - रेशमा
- अरुणा ईरानी - पार्वती
- अमरीश पुरी - रघुवीर सिंह
- प्रेम चोपड़ा - संपथ
- रज़ा मुराद - तांत्रिक
- गोगा कपूर - धर्मा लोहार
- गुलशन ग्रोवर - अजीत
- सदाशिव अमरापुरकर - भैरों सिंह
- वर्षा उसगांवकर - कजरी
- कुलदीप पवार - गंगू
- राम मोहन - पुजारी
- बॉब क्रिस्टो - अंग्रेज़ "गोरा"
- सुधीर - जुम्मान
- मोहन चोटी - रघुवीर का मुंशी
- गुड्डी मारुति - हरी भरी
- टॉम ऑल्टर - फ्रैंक
- अनंत जोग - सपेरा
- कुनिका सदानंद - मुन्नीजान
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "तुम्हें दिल से कैसे जुदा हम करेंगे" | मुहम्मद अज़ीज़, अनुराधा पौडवाल | 7:13 |
2. | "शुरू हो रही है प्रेम कहानी" | मुहम्मद अज़ीज़, अनुराधा पौडवाल | 9:37 |
3. | "बीन बजाता जा सपेरे" | अनुराधा पौडवाल | 8:58 |
4. | "बीन बजाऊँ तुझे बुलाऊँ" | मुहम्मद अज़ीज़ | 9:35 |
5. | "रस्ता तो मिल गया है" | शब्बीर कुमार | 7:25 |
6. | "मेरे मुन्ने भूल ना जाना" | मुहम्मद अज़ीज़, अनुराधा पौडवाल | 10:40 |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Video: इस औरत ने नाग को पिलाया था दूध, मरते दम तक चुकाया कर्ज..." एनडीटीवी इंडिया. 15 अगस्त 2018. मूल से 28 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अक्टूबर 2018.