तीसरा मोर्चा (भारत की राजनीति)
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तीसरा मोर्चा का भारत की राष्ट्रीय राजनीति में एक विलक्षण सा ही अस्तित्व है। भारत में मुख्यतः दो ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियां रही हैं। समय समय पर बाकी दलों ने इकट्ठे होकर मजबूत रूप से एक तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश की है, जो कई बार सफल हुआ और कई बार असफल। सफल इसलिए कि समय समय पर तीसरे मोर्चा सरकार बनाने में सफल रहा, असफल इसलिए कि यह मोर्चा कभी भी लंबे समय तक नहीं चला तथा अभी तक हर बार अस्थायी ही साबित हुआ।[1]
१९७७ जनता पार्टी
[संपादित करें]प्रमुख नेता व दल
[संपादित करें]मोरार जी देसाई,पुर्व प्रधानमंत्री
प्रयास
[संपादित करें]परिणाम
[संपादित करें]१९९० के आसपास
[संपादित करें]प्रमुख नेता व दल
[संपादित करें]विश्वनाथ प्रताप सिंह, देवी लाल, जॉर्ज फर्नांडिस, चंद्रशेखर
प्रयास
[संपादित करें]परिणाम
[संपादित करें]२०१४ लोकसभा चुनाव
[संपादित करें]प्रमुख नेता व दल
[संपादित करें]समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाईटेड, बीजू जनता दल, तेलुगु देसम मुलायम सिंह यादव, नितीश कुमार, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक
प्रयास
[संपादित करें]अक्टूबर में १४ पार्टियां एक मंच पर इकट्ठी हुई।[2]
परिणाम
[संपादित करें]इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "क्या चुनाव से पहले बन पाएगा तीसरा मोर्चा?". 30 अक्टूबर 2013. Archived from the original on 3 दिसंबर 2013. Retrieved 25 दिसम्बर 2013.
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(help) - ↑ "Third Front: Distant mirage or soon-to-be reality? Read more at: http://indiatoday.intoday.in/story/third-front-distant-mirage-or-soon-to-be-reality/1/321887.html". इंडिया टुडे. 6 नवम्बर 2013. Archived from the original on 26 दिसंबर 2013. Retrieved 25 दिसम्बर 2013.
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