डॉ॰ किशोरीलाल गुप्त

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डॉ किशोरीलाल गुप्त (1916) हिन्दी साहित्यकार थे। इन्हें 'विन्ध गौरव' से सम्मानित किया गया था।

जीवन परिचय[संपादित करें]

किशोरीलाल गुप्त का जन्म उत्तर प्रदेश के भदोही में हुआ था। ये पण्डित विश्वनाथ प्रसाद मिश्र के प्रमुख शिष्यों में से एक थे।

कृतियाँ[संपादित करें]

'हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास' ग्रन्थ का सम्पादन 1957ई• में किशोरी लाल गुप्त ने किया यह इनकी प्रमुख कृति है। यह हिन्दी प्रचारक संस्थान वाराणसी से प्रकाशित हुई थी। गुप्त जी की अन्तिम प्रकाशित कृति सूरसागर की टीका चार खण्डों में है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]