जॉन एज

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जॉन एज(John Edge)

सर जॉन एज (28 जुलाई 1841 - 30 जुलाई 1926) इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने कुछ समय के लिए  मिडल टेम्पल(Middle Temple) के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया । उन्हें काउन्सिल ऑफ इंडिया(Council of India) का न्यायिक सदस्य और प्रिवी काउंसिल का सदस्य भी नियुक्त किया गया था ।

जीवनी

जॉन एज बेंजामिन का जन्म 28 जुलाई 1841 को क्वींस काउंटी (अब काउंटी लाओस), आयरलैंड में क्लोनब्रॉक में हुआ था। उनके माता-पिता बुकर एज और एस्तेर ऐनी थे।

उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज, डबलिन से शिक्षा ग्रहण की । 1864 में उन्हें डबलिन में किंग्स इन(King's Inns) के सदस्य के रूप में आयरिश बार में आमंत्रित किया गया। दो साल बाद,  वह मिडल टेम्पल(Middle Temple) के माध्यम से अंग्रेजी बार में आ  गए ।

1886 में, एज क्वीन्स काउंसल(Queen's Counsel) नियुक्त हो गए और उन्हें नाइट बैचलर की उपाधि से सम्मानित किया गया ।  विलियम कॉमर पेथेरम के बाद,  उन्हें  ब्रिटिश भारत के उत्तर-पश्चिमी प्रांत(North-Western Provinces)के उच्च न्यायालय(अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ) का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

एज 1898 तक उक्त पद पर रहे । उनमें उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता थी । उन्होंने प्रशासनिक कौशल का प्रदर्शन करते हुए  न्यायालय के नियमों के संहिताकरण की व्यवस्था की । वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पहले कुलपति(1887-1893) नियुक्त हुए । उन्होंने भारत में आए 1896 के अकाल के संबन्ध  में गठित अकाल राहत समिति का भी नेतृत्व किया।

जनवरी 1899 में, मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद एज काउन्सिल ऑफ इंडिया(Council of India) के न्यायिक सदस्य बन गए और 1908 तक उक्त पद पर रहे । उन्हें मिडल टेम्पल(Middle Temple) की पीठ(bench)के लिए भी चुना गया, जहाँ  उन्होंने 1919 में कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 1902 में, उन्होंने बोअर युद्ध की जांच करने वाले एक रॉयल कमीशन में भी कार्य किया । वह  1905 में की गई एक जांच में भी शामिल थे, जिसने कालांतर में  आपराधिक अपील न्यायालय(Court of Criminal Appeal) के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की ।

जनवरी 1909 में एज को प्रिवी काउंसलर नियुक्त किया गया । उन्होंने 1916 और मई 1926 के बीच भारत में निर्णीत मामलों की अनेक अपीलें सुनीं । अपने 85वें जन्मदिन से कुछ समय पहले वह पूरी तरह सेवानिवृत्त हो गए।

एज ने सितंबर 1867 में लौरा लॉफबोरो से विवाह किया । उनके एक पुत्र और चार पुत्रियाँ थीं।

जॉन एज का आकस्मिक निधन 30 जुलाई 1926 को लंदन के केंसिंग्टन में स्थित अपने घर में हो गया ।