जेम्स प्रेस्कॉट जूल
जेम्स प्रेस्कॉट जूल | |
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जेम्स प्रेस्कॉट जूल - भौतिक विज्ञानी | |
जन्म |
24 दिसम्बर 1818 सैल्फोर्ड, लंकाशायर, इंग्लैंड |
मृत्यु |
11 अक्टूबर 1889 सैल, चेशायर, इंग्लैंड | (उम्र 70 वर्ष)
नागरिकता | ब्रिटिश |
क्षेत्र | भौतिकी |
प्रसिद्धि | ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम |
प्रभाव |
जॉन डाल्टन जॉन डेवीस |
जेम्स प्रेस्कॉट जूल (अंग्रेजी: James Prescott Joule , जन्म: 24 दिसम्बर 1818 - मृत्यु: 11 अक्टूबर 1889) सैल्फोर्ड, लंकाशायर में जन्मे एक अंग्रेज भौतिकविज्ञानी और शराब निर्माता थे।
परिचय
[संपादित करें]इनका जन्म मैंचेस्टर के निकट सैल्फोर्ड में २४ दिसंबर, सन् १८१८ को हुआ था। अपने जीवनकाल में ये भौतिक राशियों के सही नाप संबंधी अनुसंधानों में निरंतर लगे रहे। सन् १८४० में जूल ने चालक में (विद्युत प्रतिरोध में) विद्युत धारा के प्रवाह से उत्पन्न होनेवाली ऊष्मा की मात्रा मालूम करने का नियम प्राप्त किया, जो जूल का नियम कहलाता है।
इसके बाद जूल ने ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का प्रतिपादन किया और चार विभिन्न रीतियों से उष्मा के यांत्रिक तुल्यांक का मान प्राप्त किया। इनमें घर्षण की विधि विशेष उल्लेखनीय है। ब्रिटिश ऐसोसिएशन ने इनको विद्युत् के उष्मीय प्रभाव द्वारा उष्मा के यांत्रिक तुल्यांक का मान प्राप्त करने का भार सौंपा था। जूल ने ऊष्मा की प्रकृति का अध्ययन किया तथा ऊष्मा और यांत्रिक कार्य के बीच संबंध की खोज की। इस खोज की परिणति अंतत: ऊर्जा के संरक्षण के सिद्धांत में हुई और ऊष्मागतिकी का पहला नियम प्रकाश में आया।
गैसों का गैसों के द्रवीकरण के क्षेत्र में भी आपने महत्वपूर्ण अनुसंधान किए। लार्ड केल्विन के सहयोग से आपने गैसों का यह नया गुण मालूम किया कि जब कोई गैस सूक्ष्मछिद्र में से होकर ऊँचे दबाव से नीचे दबाव की ओर बहती है तो उसके ताप में ह्रास होता है। इस गुण को जूल-टॉमसन प्रभाव कहते हैं। इसी प्रभाव के आधार पर किए गए प्रयोगों द्वारा ऑक्सीजन, हाइड्रोजन तथा हीलियम आदि गैसों को द्रव रूप में परिणत किया जा सका। जूल ने लार्ड केल्विन के साथ मिलकर तापमान का परम पैमाना विकसित किया था, मैग्नेटोस्ट्रिक्शन पर टिप्पणियां की थीं
उनके सम्मान में अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली में ऊर्जा की इकाई का नाम 'जूल' रखा गया है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]विकिमीडिया कॉमन्स पर जेम्स प्रेस्कॉट जूल से सम्बन्धित मीडिया है। |