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जीवन कौशल

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जीवन कौशल

अपने जीवन को और सरल एवं सहज बनाना ही जीवन कौशल है।

अनुकूली तथा सकारात्मक व्यवहार की वे योग्यताएँ हैं जो व्यक्तियों को दैनिक जीवन की माँगों और चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सक्षम बनाती हैं।ये जीवन कौशल सीखे जा सकते हैं तथा उनमें सुधार भी किया जा सकता है। आग्रहिता , समय प्रबंधन , सात्विक चिंतन , संबंधों में सुधार, स्वयं की देखभाल के साथ-साथ ऐसी असहायक आदतों, जैसे - पूर्णतावादी होना, विलंबन या टालना इत्यादि से मुक्ति, कुछ ऐसे जीवन कौशल हैं, जिनसे जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी।

जीवन को सफल बनाने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण बातें इस प्रकार से हैं-

1.तन मन को स्वस्थ बनाए रखना।

2.आलस मुक्त जीवन।

3.अच्छी अच्छी बातें सीखना।

4.स्व-कर्त्तव्य पालन करना।

5.नित नूतन ज्ञान एवं मनोभाव से कार्य करना।

आग्रहिता

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आग्रहिता एक ऐसा व्यवहार या कौशल है जो हमारी भावनाओं, आवश्यकताओं, इच्छाओं तथा विचारों के सुस्पष्ट तथा विश्वासपूर्ण संप्रेपषण में सहायक होता है। यह ऐसी योग्यता है जिसके द्वारा किसी के निवेदन को अस्वीकार करना, किसी विषय पर बिना आत्मचेतन के अपने मत को अभिव्यक्त करना , या फिर खुल कर ऐसे संगवेगो जैसै … प्रेम ' क्रोध इत्यादि को अभिव्यक्त करना संभव होता हैं। यदि आप आग्रही हैं तो आपमें उच्च आत्म-विश्वास एव्ं आत्म- सम्मान तथा अपनी अस्मिता की एक अटूट भावना होती है। जीवन कोशल मानव जीवन मे उपयोगी सिद्ध होता है

समय प्रबंधन

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समय प्रबंधन

आप अपना समय जैसै व्यतीत करते हैं वह आपके जीवन की गुणवत्ता को निर्धारित करता है।। समय का प्रबंधन तथा प्रत्यायोजित करना सीखने से, दबाव-मुक्त होने मे सहायता मिल सकती है। समय दबाव कम करने का एक प्रमुख तरीका, समय के प्रत्यक्षण मे परिवर्तन लाना है। समय प्रबंधन का प्रमुख नियम यह है कि आप जिन कार्यों को महत्त्व देते हैं उनका परिपालन करने मे समय लगाएँ या उन कार्यों को करने मे जो आपके लक्ष्यप्राप्ति मे सहायक हों। आपको अपनी जानकारियों की वास्तविकताओं का पता हो, तथा कार्य को समय पर करें। यह सपष्ट होना चाहिए कि आप क्या करना चाहते है तथा आप अपने जीवन मे इन दोनो बातों मे सामंजस्य स्थापित कर सके, इन पर समय प्रबंधन निर्भर करता है।आप जो भी करने जा रहे हो उसकी एक समुचित रूपरेखा तैयार करिए।आप देखेंगे कि आपने जो अपने काम करने की रूपरेखा तैयार की है वह कितनी अधिक आपको मदद कर रही है।एक समय-सारणी बनाएँ और उस पर अमल करें।

स्वयं की देखभाल

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यदि हम स्वयं को स्वस्थ, दुरुस्त तथा विश्रात रखते हैं तो हम दैनिक जीवन के दबावों का सामना करने के लिए शारीरिक एवं सांवेगिक रूप से और अच्छी तरह तैयार रहते हें। हमारे श्वसन का प्रतिरूप हमारी मानसिक तथा सांवेगिक स्थिति को परिलक्षित करता है। जब हम दबाव मे होते हैं तो हमारा श्वसन और तेज़ हो जाता है, जिसके बीच-बीच में अक्सर आहें भी निकलती रहती हैं। सबसे अधिक विश्रात श्वसन मंद, मध्यपट या डायाफ्राम, अर्थात सीना और उदर गुहिका के बीच एवं गुंबदाकार पेशी, से उदर-केंद्रित श्वसन होता है। पर्यावरणी दबाव, जैसै शोर, प्रदूषण, दिक्, प्रकाश, वर्ण इत्यादि सब हमारी मनोस्थिति क्रो प्रभावित कर सकते हे। इनका निश्चित प्रभाव तनाव का सामना करने की हमारी क्षमता तथा कुशल-क्षेम पर पड़ता है।

आहार

संतुलित आहार व्यक्ति की मन: स्थिति को ठीक कर सकता है, ऊर्जा प्रदान कर सकता है , माँसपेशियों का पोषण कर सकता हे,रक्त परिसंचरण को समुन्नत कर सकता है, रोगों से

संतुलित आहार व्यक्ति की मन: स्थिति को ठीक↵कर सकता है, ऊर्जा प्रदान कर सकता है , माँसपेशियों का पोषण↵कर सकता हे,रक्त परिसंचरण को समुन्नत कर सकता है, रोगों से रक्षा कर सकता है, प्रतिरक्षक (रोगप्रतिरोधक क्षमता )तंत्र को सशक्त बना सकता है तथा व्यक्ति को अधिक अच्छा अनुभव करा सकता है जिससे वह जीवन में दबावों का सामना और अच्छी तरह से कर सके। स्वास्थ्यकर जीवन की कुंजी है, दिन में तीन बार संतुलित और विविध आहार का सेवन करना। किसी व्यक्ति को कितने पोषण की आवश्यकता है, यह व्यक्ति की सक्रियता स्तर, आनुवंशिक प्रकृति , जलवायु तथा स्वास्थ्य के इतिहास पर निर्भर करता है। कोई व्यक्ति क्या भोजन करता है तथा उसका वज़न कितना हें, इसमें व्यवहारात्मक प्रक्रियाएँ निहित होती हे। कुछ व्यक्ति पौप्टिक आहार तथा वज़न का रख-रखाव सफलतापूर्वक कर पाते हे किंतु कुछ अन्य व्यक्ति मोटापे के शिकार हो जाते हें। जब हम दबावग्रस्त होते है तो हम "आराम देने वाले भोजन" जिनमें प्राय : अधिक वसा, नमक तथा चीनी होती है, का सेवन करना चाहते है।

व्यायाम

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व्यायाम ऐसी प्रक्रिया है जिससे हम अपने शरीर की देखभाल करते है। बडी संख्या में किए गए अध्ययन शारीरिक स्वस्थता एवं स्वास्थ्य के बीच सुसंगत सकारात्मक संबंधों की पुष्टि करते हैं। इसके अतिरिक्त, कोई व्यक्ति स्वास्थ्य की समुन्नाति के लिए जो उपाय कर सकता है उसमें व्यायाम जीवन शैली में वह परिवर्तन है जिसे व्यापक रूप से लोकप्रिय अनुमोदन प्राप्त हैं। नियमित व्यायाम वज़न तथा दबाव के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा दबाव, दुश्चिंता एवं अवसाद को घटाने में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित करता हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए जो व्यायाम आवश्यक हें, उनमें तनन या खिंचाव वाले व्यायाम जैसे … योग के आसन तथा वायुजीवी व्यायाम , जैसे … दौड़ना, तैरना, साइकिल चलाना इत्यादि आते हैं। जहाँ खिंचाव वाले व्यायाम शांतिदायक प्रभाव डालते है, वहाँ वायुजिवी व्यायाम शरीर के भाव…प्रबोधन स्तर को बढ़ाते हैं। व्यायाम के स्वास्थ्य संबंधी फायदे दबाव प्रतिरोधक के रूप में कार्य करते हैं। अध्ययन प्रदर्शित करते है कि शारीरिक स्वस्थता , व्यक्तियों को सामान्य मानसिक तथा शारीरिक कुशल -क्षेम का अनुभव कराती है उस समय भी जब जीवन में नकारात्मक घटनाएँ घट रही हों।

जीवन कौशल वो सकारात्मक योग्यता है जो व्यक्ति को रोजमर्रा की जरूरतों तथा कठिनाईयों से जुजने मे समर्थ बनाती हैं। जीवन कौशल हमारी सामाजिक सफलता और लम्बी अवधी की ख़ुशी एवं सुख के लिए आवश्यक है।

कुछ जरुरी जीवन कौशल

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  • स्वावलम्बन
  • समस्या समाधान
  • ज्ञानार्जन की प्रवृत्ति
  • कुशाग्रता
  • चातुर्यता
  • मधुरभाषीपन
  • सहयोगपूर्ण भावना
  • अन्वेषणात्मक दृष्टिकोण
  • स्वस्थ दिनचर्या
  • अन्वेषणात्मक दृष्टिकोण
  • रचनात्मक सोच
  • प्रभावशाली बोलचाल
  • अंतर्व्यक्तिगत सम्बन्ध
  • संतुलन
  • संवेदना
  • आत्मबोध
  • संवेग संयोजन
  • न्यायिक पारदर्शिता

सन्दर्भ

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  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 नवंबर 2016.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 नवंबर 2016.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 नवंबर 2016.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 नवंबर 2016.