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जापानी साहित्य

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जापानी साहित्य काफी पुराना है। जापानी साहित्य की आरम्भिक रचनाएँ चीन और चीनी साहित्य के साथ जापान के सांस्कृतिक सम्बन्धों से बहुत प्रभावित हैं। भारतीय साहित्य ने भी बौद्ध धर्म के माध्यम से जापानी साहित्य पर अपनी छाप छोड़ी। किन्तु समय के साथ जापानी साहित्य की अपनी अलग शैली विकसित हुई किन्तु फिर भी चीनी साहित्य का प्रभाव एदो काल (Edo period) तक बना रहा। १९वीं शताब्दी में जब से जापान ने अपने बन्दरगाहों को पश्चिमी व्यापारियों एवं राजनयिकों के लिए खोल दिया है, तब से पश्चिमी साहित्य तथा जापानी साहित्य ने एक दूसरे को प्रभावित किया है।[1][2][3]

प्रमुख लेखक एवं उनकी कृतियाँ

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नीचे प्रमुख साहित्यकार एवं प्रमुख कृतियाँ कालक्रम में दी गयीं हैं।

प्राचीन साहित्य

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  • काकि नो मोतो नो हितोमारो (c.717–785): इनकी रचनाओं को "मान्योशू" में सम्मिलित किया गया था।[4]
  • ओतोमो याकामोचि (c.717–785): कवि और मान्योशू के अंतिम संग्रहकर्ता थे।<ref>"Collected works of Otomo Yakamochi; in Japanese". 2006-07-10. Archived from the original on 3 मार्च 2016. Retrieved 7 अगस्त 2014.

क्लासिकल साहित्य

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मध्ययुगीन साहित्य

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आरम्भिक आधुनिक साहित्य

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आधुनिक साहित्य

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इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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  1. Yorke, Christopher (फ़रवरी 2006), "Malchronia: Cryonics and Bionics as Primitive Weapons in the War on Time", Journal of Evolution and Technology, 15 (1): 73–85, archived from the original on 16 मई 2006, retrieved 2009-08-29
  2. Richardson, Matthew (2001), The Halstead Treasury of Ancient Science Fiction, Rushcutters Bay, New South Wales: Halstead Press, ISBN 1-875684-64-6 (cf. "Once Upon a Time", Emerald City (85), September 2002, archived from the original on 11 सितंबर 2019, retrieved 2008-09-17)
  3. Earl, David Margery, Emperor and Nation in Japan; Political Thinkers of the Tokugawa Period, University of Washington Press, Seattle, 1964, p 12
  4. "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 2 फ़रवरी 2015. Retrieved 7 अगस्त 2014.