ज़रा सी ज़िन्दगी
ज़रा सी ज़िन्दगी | |
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ज़रा सी ज़िन्दगी का पोस्टर | |
निर्देशक | के बालाचंदर[1] |
लेखक | गुलज़ार (संवाद) |
कहानी | के बालाचंदर |
निर्माता | आर. वेंकटरमन |
अभिनेता |
कमल हासन, अनीता राज |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथियाँ |
7 जनवरी, 1983 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
ज़रा सी ज़िन्दगी 1983 में बनी हिन्दी भाषा की है। इसका निर्देशन के बालाचंदर द्वारा किया गया और मुख्य कलाकार कमल हासन और अनीता राज हैं।[2][3] यह निर्देशक की अपनी ही एक तमिल फ़िल्म की रीमेक है।
संक्षेप
[संपादित करें]दर्शनशास्त्र में एम.ए. करने वाला युवक राकेश (कमल हासन) नौकरी की तलाश में बिहार से दिल्ली आता है। राकेश अपने बंगाली मित्र अमित के साथ झुग्गी-झोपड़ी में रहता है। एक दिन अमित का मित्र तिलक पंजाब से वहां रहने आ जाता है। एक दिन राकेश एक बस स्टॉप पर कुसुम (अनीता राज) नाम की लड़की को देखता है। राकेश उसका सामान रेलवे स्टेशन तक पहुँचाने की पेशकश करता है क्योंकि उस दिन बस सेवा बंद रहती है और टैक्सी चालक हड़ताल पर रहते हैं। रेलवे स्टेशन पहुँचने पर कुसुम राकेश को पैसे देती है। जिस पर राकेश जवाब देता है कि उसके पास नोट खुला करने के लिए पैसे नहीं हैं। कुसुम को लगता है कि वह उसे ठगने की कोशिश कर रहा है। वह उसे पंजाबी भाषा में सुनाती है लेकिन राकेश उसे बताता है कि वह पंजाबी जानता है।
एक बार राकेश एक आदमी का पीछा करता है। वह आदमी एक घर में घुसता है। राकेश उसके पीछे दौड़ता हुआ उस घर तक पहुँचता है और कुसुम खटखटाने के बाद दरवाज़ा खोलती है। राकेश को पता चलता है कि वह आदमी कुसुम का पिता है। राकेश पैसों के बारे में बताता है और कुसुम राकेश को पैसे लौटा देती है। कुसुम एक छोटी-मोटी मंच अभिनेत्री है। कुसुम राकेश के घर जाती है और उसे अपने नाटक के निर्देशक से मिलवाती है। वो ऐसा इसलिए करती है ताकि वह कुछ पैसे कमा सके क्योंकि उसे पता चलता है कि राकेश बेरोजगार है। कुसुम राकेश को अपने निर्देशक प्रताप (मज़हर ख़ान) से मिलवाती है, जो घमंडी और गुस्सैल स्वभाव का है। प्रताप को कुसुम को चाहता है। इसलिए प्रताप राकेश और कुसुम के बीच दोस्ती बर्दाश्त नहीं कर पता है। प्रताप राकेश को उसकी अवज्ञा करने के कारण ड्रामा कंपनी से निकाल देता है। वहीं राकेश साक्षात्कार लेने वालों के साथ दुर्व्यवहार करता है और अपनी शैक्षिक योग्यता के प्रमाण पत्र फाड़ लेता है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- कमल हासन — राकेश कुमार शास्त्री
- अनीता राज — कुसुम
- अर्जुन चक्रवर्ती — तिलक
- निलू फुले — जग्गू, कुसुम के पिता
- करण राज़दान — अमित
- मज़हर ख़ान — प्रताप शर्मा
- श्रीराम लागू — राकेश के पिता
- सुलोचना लाटकर — राकेश की माता
- अरुण बक्शी — अरुण कुमार
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "घर से स्कूल" | किशोर कुमार, पंकज उधास, भारत | 7:55 |
2. | "ज़माने में मोहब्बत" | एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम | 4:43 |
3. | "जिसे मौत आई" | के॰ जे॰ येशुदास | 4:43 |
4. | "कच्चा कड़ा मिट्टी दा" | लता मंगेश्कर | 5:59 |
5. | "तना दिम तना दिम" | आशा भोंसले | 6:36 |
6. | "तना दिम तना दिम — डुएट" | एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, आशा भोंसले | 1:30 |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "रजनीकांत के गुरु बालचंदर की पत्नी राजम बालचंदर का 82 वर्ष की उम्र में निधन". Hindi Rush. 26 नवम्बर 2018. अभिगमन तिथि 27 जून 2024.
- ↑ "Anita Raj : बॉलीवुड की वो एक्ट्रेस जो Sridevi को देती थी कड़ी टक्कर, साल में 10 फिल्में करती थीं अनीता राज". www.india.com. अभिगमन तिथि 27 जून 2024.
- ↑ "बाइस्कोप: डायरेक्टर की 17 साल की बीवी ने कर ली खुदकुशी, दिल का दर्द सुनाने को बनाई ये क्लासिक फिल्म". अमर उजाला. अभिगमन तिथि 27 जून 2024.