सामग्री पर जाएँ

जयदेव वेदालंकार

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

डॉ॰ जयदेव वेदालंकार (जन्म: ५ दिसम्बर १९४१) दर्शनशास्त्र, वैदिक साहित्य, धर्म और संस्‍कृति के उद्भट्ट विद्वान हैं। इन्‍होंने अनेक ग्रन्‍थों की रचना की है। वे गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के अनेक उच्‍च पदों जैसे डीन प्राच्‍यविद्या संकाय, प्रोफेसर एवं अध्‍यक्ष दर्शन विभाग और कुल सचिव आदि पदों पर प्रशासनिक कार्यों को सफलतापूर्वक निर्वहण करते रहे हैं।

डॉ॰ जयदेव का जन्‍म झाड़ौदा कलाँ, नई दिल्ली में एक सामान्‍य किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री जुगलाल सिंह था। उन्‍होंने अत्‍यधिक परिश्रम कर के अपने आचार्यों का आशीर्वाद प्राप्‍त किया है। आप स्‍व. स्‍वामी आत्‍मानन्द सरस्‍वती, आचार्य प्रियवत, सुखदेव विद्यावाचस्‍पति और आचार्य रामनाथ वेदालंकार आदि आचार्यों के प्रिय शिष्‍य रहे हैं। ये एक विनम्र स्‍वभाव के व्‍यक्‍तित्‍व के धनी हैं। आप अनेक सामाजिक संगठनों में सेवा प्रदान करते हैं। आप एक एन.जी.ओ. के संस्‍थापक अध्‍यक्ष हैं। आपने इस ट्रस्‍ट के द्वारा अनेक विद्वानों एवं संस्‍थाओं को सम्‍मानित किया हैं।

वेदालङ्कारगुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार,

एम०ए० - गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार,

पी-एच०डी०मेरठ विश्वविद्यालय, मेरठ,

डी०लिट्०राँची विश्वविद्यालय, झारखण्ड।

कृतियाँ

[संपादित करें]
  • वैदिक दर्शन,
  • वैदिक संस्कृति,
  • वैदिक संस्कृति की खोज,
  • भारतीय दर्शन,
  • भारतीय दर्शन की समस्याएँ,
  • भारतीय दर्शनशास्त्र का इतिहास (पाँच खण्ड),
  • भारतीय दर्शन में प्रमाण,
  • वैदिक साहित्य का इतिहास,
  • उपनिषदों का तत्त्वज्ञान,
  • तत्त्व एवं ज्ञानमीमांसा के मौलिक सम्प्रत्यय।

राष्ट्रीय पुरस्कार

[संपादित करें]
  1. वेद रत्न पुरस्कार श्री गुरु गंगेश्वरानन्द ट्रस्ट शाखा बंग्लौर, कर्नाटक 2003
  2. स्वामी प्रणवानन्द दर्शन पुरस्कार-1987
  3. आर्य साहित्य पुरस्कार शान्ताक्रूज, मुम्बई-1998
  4. उत्तर-प्रदेश संस्कृत अकादमी विशेष पुरस्कार-1999
  5. वेद-वेदांग राष्ट्रीय पुरस्कार 2000, स्वामी गंगेश्वरानन्द वेद प्रतिष्ठान नासिक
  6. वर्षीय उत्तम ग्रन्थ-2002 (भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली)
  7. जनवरी २०१४ -- राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा पुरस्कृत

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]