जंतर मंतर
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जंतर मंतर, "यंत्र मंत्र" का अपभ्रंश रूप है। सवाई जयसिंह ने ऐसी वेधशालाओं का निर्माण जयपुर, उज्जैन, मथुरा, दिल्ली और वाराणसी में भी किया था। पहली वेधशाला 1725 में दिल्ली में बनी। इसके 10 वर्ष बाद1734 में जयपुर में जंतर मंतर का निर्माण हुआ। इसके 15 वर्ष बाद 1748 में मथुरा, उज्जैन और बनारस में भी ऐसी ही वेधशालाएं खड़ी की गईं।