चीन का शान्तिपूर्ण उत्थान

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चीन का शान्तिपूर्ण उत्थान (सरलीकृत चीनी: 中国和平崛起; पारम्परिक चीनी: 中國和平崛起) जिसे कभी-कभी "चीन का शान्तिपूर्ण विकास" नाम से भी निर्दिष्ट किया जाता है, हू जिन्ताओ के नेतृत्व में चीन की आधिकारिक नीति थी। इस शब्द का उपयोग "चीनी खतरा सिद्धान्त" का खण्डन करने के लिए लागू किया गया था। जैसे-जैसे चीन एक बड़ी राजनैतिक, आर्थिक और सैन्य शकित के रूप में उभरता गया, वह अन्य देशों को यह विश्वास दिलाना चाहता था कि उसका उत्थान अन्य देशों की शान्ति और सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है। चीन इस नीति को आन्तरिक रूप से चीनी समाज में सद्भाव लाकर लागू करता है और बाहरी सूप से एक शान्तिपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय परिवेश को बढ़ावा देकर। इस नीति का उद्देश्य चीन को एक दायित्वपूर्ण विश्व नेता के रूप में चित्रित करना, नम्र-शक्ति पर बल देना और प्रतिज्ञा दिलाना है कि चीन वैश्विक मामलों में हस्तक्षेप करने से पहले अपने आन्तरिक मुद्दों और अपने लोगों के कल्याण सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। यह शब्द यह सुझाता है कि चीन अनावश्यक अन्तर्राष्ट्रीय विवादों में टकरावों को टालना चाहता है।

आरम्भ[संपादित करें]

चीन के शान्तिपूर्ण उत्थान की अवधारणा को बढ़ावा देने के प्रयास के पीछे के विचार नई सुरक्षा अवधारणा से आए थे, जो दशक 1990 के मध्य में चीन के प्रबुद्ध मण्डल द्वारा प्रतिपादित किए गए थे।

समीक्षा[संपादित करें]

इचानोमिस्त मागज़ीन के बोला चीन का सेना का बजट को बढाया १८ प्रतिशत को। भारत या जापान श्रद्धा नहिं चीन को, पर चीन तो बोहोत शरारत कर्ते हैं उस्का क्षेत्र मैं[1]

टिप्पणी[संपादित करें]

  1. (अंग्रेज़ी में) China's great game in Asia Archived 2007-04-05 at the वेबैक मशीन The Economist - March 29, 2007