चतुर्विम समष्टि
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चतुर्विम घन के सरल घूर्णन का त्रिविमीय प्रक्षेप
चतुर्विम समष्टि मुख्यतः त्रिविम समष्टि का ही व्यापकीकरण है। इसका गणितज्ञों और दार्शनिकों द्वारा लगभग दो सदियों तक अध्ययन किया गया। सामान्यतः जब त्रिविम समष्टि में समय जोड़कर चतुर्थ विमा का अध्ययन किया जाता है लेकिन व्यापक रूप में किसी भी विमा का किसी एक राशी के साथ नामकरण नहीं किया जा सकता अतः इसे n-विमीय समष्टि की उस अवस्था को कहा जा सकता है जब n का मान 4 हो।