घूर्णीकशाभ
घूर्णीकशाभ एककोशीय सुकेन्द्रक का एकवर्गी समूह है जो घूर्णीकशाभ संघ[1] गठन करता है और इसे सामान्यतः शैवाल माना जाता है। घूर्णीकशाभ अधिकतर समुद्री प्लवक हैं, किन्तु वे मीठे पानी के आवासों में भी साधारण हैं। उनकी संख्या समुद्र की सतह के तापमान, लवणता और गहराई के साथ बदलती है। ये जीव मुख्यतः सामुद्रिक एवं प्रकाश संश्लेषक हैं, किन्तु इनमें से एक बड़ा अंश वास्तव में मिश्रपोषी है, प्रकाश संश्लेषण को शिकार के अन्तरहण (कोशिकाभक्षण) के साथ जोड़ता है। [2] [3]
इनमें उपस्थित प्रमुख वर्णकों के आधार पीले, हरे भूरे नीले अथवा लाल दिखते हैं। इनकी कोशिका भित्ति के बाह्य सतह पर सेलुलोस की कड़ी पट्टिकाएँ होती हैं। अधिकतर घूर्णीकशाभ में दो कशाभिकाएँ होते हैं, जिसमें एक लम्बवत् तथा दूसरा अनुप्रस्थ रूप से भित्ति पट्टिकाओं के बीच की खांच में उपस्थित होता है। प्रायः लाल घूर्णीकशाभ (उदाहरण: गॉन्यौलाक्स) की संख्या में विस्फोट होता है, जिससे समुद्र का जल लाल (लाल तरंगें) दिखने लगता है। इतनी बड़ी संख्या के जीव से निकले जीव विष के कारण मछली एवं अन्य समुद्री जीव मर जाते हैं।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Fensome RA, Taylor RJ, Norris G, Sarjeant WA, Wharton DI, Williams GL (1993). A classification of living and fossil dinoflagellates. Micropaleontology Special Publication. Vol. 7. Hanover PA: Sheridan Press. OCLC 263894965.
- ↑ Stoecker, D. K. (1999). "Mixotrophy among Dinoflagellates". The Journal of Eukaryotic Microbiology. 46 (4): 397–401. doi:10.1111/j.1550-7408.1999.tb04619.x.
- ↑ Esser, Karl; Lüttge, Ulrich; Beyschlag, Wolfram; Murata, Jin (2012-12-06). Progress in Botany: Genetics Physiology Systematics Ecology. ISBN 978-3-6421-8819-0. Archived from the original on 2022-01-28. Retrieved 2020-10-22.