गुरू रविदास जयंती
गुरु रविदास जयंती, माघ महीने में पूर्णिमा (माघ पूर्णिमा) के दिन पर मनाया जाने वाला गुरु रविदास का जन्मदिवस है।[1] यह रैदास पंथ धर्म का वार्षिक केंद्र बिंदु है। जिस दिन अमृतवाणी गुरु रविदास जी को पढ़ी जाती है, और गुरु के चित्र के साथ नगर में एक संगीत कीर्तन जुलूस निकाला जाता है। इसके अलावा श्रद्धालु पूजन करने के लिए नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं, उसके बाद भवन में लगी उनकी छवि पूजी जाती है। हर साल, श्री गुरु रविदास जन्म स्थान मंदिर, सीर गोवर्धनपुर, वाराणसी में एक भव्य उत्सव के अवसर पर दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुओं आते है। यह त्यौहार 2020 में 9 फरवरी को थी, और 2025 में 12 फरवरी को मनाई गई।
जन्म
[संपादित करें]उनका जन्म 15वीं शताब्दी में 1377 विक्रमी संवत (अनुमानित 1398 ई.) में वाराणसी के सीर गोवर्धन गांव में हुआ था। उनका जन्म एक चर्मकार परिवार में हुआ, जहां उनके पिता रघु श्री जूते बनाने का कार्य करते थे और माता का नाम घुरबिनिया (करम देवी) था। गुरु रविदास जी बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे और साधु-संतों की संगत करना उन्हें बहुत प्रिय था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक स्थानीय गुरु से हुई, लेकिन उनका ज्ञान और आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता स्वाभाविक थी।
जयंती
[संपादित करें]रविदास के जन्म को रविदास जयंती के रूप में मनाया जाता है। जातिवाद और अंधविश्वास के खिलाफ काम करने के कारण रविदास पूजनीय हैं।[2][3] वह एक आध्यात्मिक व्यक्ति थे।[4]
इस दिन, उनके अनुयायी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। फिर, वे अपने जीवन से जुड़ी महान घटनाओं और चमत्कारों को याद करके अपने गुरु रविदास जी से प्रेरणा लेते हैं। उनके भक्त उनके जन्म स्थान पर जाते हैं और रविदास जयंती पर उनका जन्मदिन मनाते हैं।
महत्व
[संपादित करें]रविदास जयंती, रविदास जी के जन्म का प्रतीक है। रविदास जी जाति प्रथा के उन्मूलन में प्रयास करने के लिए जाने जाते हैं।[5] उन्होंने भक्ति आंदोलन में भी योगदान दिया है, और कबीर जी के अच्छे दोस्त के रूप में पहचाने जाते हैं। रैदास पंथ का पालन करने वाले लोगों में रविदास जयंती का एक विशेष महत्व है, इसमे न केवल रविदास जी का अनुसरण करने वाले लोग, बल्कि अन्य लोग जो किसी भी तरह से रविदास जी का सम्मान करते हैं, जैसे कुछ कबीरपंथियों, सिखों और अन्य गुरुओं के अनुयायी, भी शामिल हैं।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संत रविदास जयंती कब है, कौन थे गुरु रविदास जी और कैसे बने संत". दैनिक भास्कर. 18 फरवरी 2019. Retrieved 5 दिसम्बर 2020.
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(help) - ↑ "PM Narendra Modi pays tributes to Guru Ravidas". The Economic Times. Retrieved 2020-10-02.
- ↑ Feb 10, TNN / Updated:; 2020; Ist, 12:22. "In times of hatred, Sant Ravidas' beliefs most relevant today: Priyanka Gandhi Vadra | Varanasi News - Times of India". The Times of India (in अंग्रेज़ी). Retrieved 2020-10-03.
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has numeric name (help)CS1 maint: extra punctuation (link) CS1 maint: numeric names: authors list (link) - ↑ "Guru Ravidas Jayanti—Why it is celebrated!". Zee News (in अंग्रेज़ी). 2016-02-22. Retrieved 2020-10-02.
- ↑ "President greets nation on eve of Guru Ravidas Jayanti". Zee News (in अंग्रेज़ी). 2015-02-02. Retrieved 2020-10-02.