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गुणा

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जब किसी संख्या अथवा अंक में उसी संख्या अथवा अंक को एक या एक से अधिक बार जोड़ा जाता है तो उसे गुणा कहते हैं। संख्या अथवा अंक को जितनी बार जोड़ा जाता है वह उतनी ही बार गुणा होता है। गुणा को x चिह्न से प्रदर्शि किया जाता है। 2+2+2+2

उदाहरणः २ x ४ = ८

गुणा करने में संख्या के स्थान से कोई अंतर नहीं पड़ता है। ऊपर के उदाहरण के अनुसार :

२ + २ + २ + २ = ८

(२ को ४ बार जोड़ने पर उत्तर ८ आता है)

या

४ + ४ = ८

(४ को २ बार जोड़ने पर उत्तर ८ आता है)

परिभाषा

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दो संख्याओं का गुणनफल प्राप्त करने के कार्य को गुणा करना कहते हैं।

दो प्राकृत संख्याओं का गुणनफल

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3 का 4 से गुणा करने पर 12 गुणनफल प्राप्त हुआ।

कुछ पत्थरों को यदि हम आयताकार स्थिति में पंक्ति और कॉलम (स्तम्भ) के रूप रखें तो हमें यह परिणाम प्राप्त होगा:

दो पूर्णांकों का गुणनफल

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पूर्णांक ऐसी पूर्ण संख्या को कहते हैं, जिसका मान ऋणात्मक और धनात्मक दोनों होता है, लेकिन इनका मान दशमलव में नहीं होता है। जैसे -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3 आदि। इनके गुणनफल को प्राप्त करने के लिए निम्न नियमों का पालन किया जाता है:-

इसे शब्दों में इस प्रकार समझा जा सकता है:

  • एक (-) ऋणात्मक संख्या का गुणा (-) ऋणात्मक संख्या से करें तो गुणनफल (+) धनात्मक होगा।
  • एक (-) ऋणात्मक संख्या का गुणा (+) धनात्मक संख्या से करें तो गुणनफल (-) ऋणात्मक होगा।
  • एक (+) धनात्मक संख्या का गुणा (-) ऋणात्मक संख्या से करें तो गुणनफल (-) ऋणात्मक होगा।
  • एक (+) धनात्मक संख्या का गुणा (+) धनात्मक संख्या से करें तो गुणनफल (+) धनात्मक होगा।

दो भिन्नों का गुणनफल

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दो भिन्नों को उनके अंशों और हरों को गुणा करके गुणनफल प्राप्त किया जा सकता है। अंश उस संख्या को कहते हैं, जिसमें भाग दिया जाता है। भिन्न में अंश ऊपर और हर नीचे की ओर होता है।

उपरोक्त उदाहरण में आप देख सकते हैं कि z (अंश) / n (हर) का हम z' (अंश) / n' (हर) से गुना कर रहे हैं। इसके लिए हमें दोनों के अंश का एक दूसरे से गुना करना पड़ा और नीचे दोनों के हर का भी एक दूसरे से गुना करना पड़ा। इसके बाद प्राप्त हुआ भिन्न इसका गुणनफल है।

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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