कोरो भाषा
कोरो | |
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बोलने का स्थान | भारत |
क्षेत्र | अरुणाचल प्रदेश, भारत |
मातृभाषी वक्ता | ८०० - १,२०० (२०१० अनुमान) |
भाषा परिवार |
सम्भवत: तिब्बती-बर्मी
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भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 | jkr |
कोरो (Koro) भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश के पूर्व कमेंग ज़िले में बोली जाने वाली एक भाषा है। इसे बोलने वाले अधिकतर २० वर्ष से अधिक आयु के हैं, यानि नई पीढ़ी द्वारा कम बोली जाने के कारण यह संकटग्रस्त मानी जाती है। भाषावैज्ञानिकों के अनुसार यह सम्भवत: तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार कि सदस्य है, हालांकि यह पक्का नहीं है और सम्भव है कि यह किसी भी अन्य भाषा से सम्बन्धित न हो। कोरो-भाषी लोग आका (ह्रूसो) नामक समुदाय के साथ रहते हैं लेकिन इन दोनो की मातृभाषाएँ अलग हैं और उनके गिनती, शरीर के अंगो और अन्य प्रयोगों के बुनियादी शब्द तक एक-दूसरे से भिन्न हैं। कोरो और आका में शब्द-समानता केवल ९% की मापी गई है।[1][2] कोरो के कई शब्द पास की तानी भाषाओं से मिलते हैं लेकिन इन दोनों में भिन्नताएँ भी बहुत हैं। कुछ विद्वानों ने यह सम्भावना प्रकट की है कि शायद इतिहास में कभी कोरो-भाषियों के पूर्वज ज़बरदस्ती कहीं और से दास बना कर लाए गए हों।[2]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ Morrison, Dan "'Hidden' Language Found in Remote Indian Tribe" Archived 2013-05-27 at the Wayback Machine. National Geographic Daily News, October 5, 2010, Retrieved on October 5, 2010
- ↑ अ आ Schmid, Randolph E. "Undocumented language found hidden in India" Archived 2011-09-26 at the Wayback Machine. Associated Press. 5 अक्टूबर 2010
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- कोरो भाषा की खोज और 'बानी' का संकट (प्रभात खबर)
- अरुणाचल की कोरो भाषा का रहस्य (तरकश)
- अरूणाचल में नई भाषा की खोज (पत्रिका)
- अरुणाचल में मिली दुर्लभ भाषा (बीबीसी हिंदी)