कुस्तुन्तुनिया का पतन
क़ुस्तुंतुनिया विजय (अंग्रेजी: Fall of Constantinople, यूनानी: Άλωση της Κωνσταντινούπολης, Alōsē tēs Kōnstantinoupolēs; तुर्की: İstanbul'un Fethi) २९ मई १४५५ को उस्मानी साम्राज्य की आक्रमणकारी सेनाओं द्वारा बाज़न्तीनी साम्राज्य की राजधानी क़ुस्तुंतुनिया पर अधिकार कर लेने की घटना क़ुस्तुंतुनिया विजय कहलाती है। यह एक अति महत्वपूर्ण घटना थी। उस्मानी सेना का सेनापति २१ वर्षीय सुल्तान महमद द्वितीय था। यह विजय ७ सप्ताह की घेराबन्दी के बाद मिली थी।
इस घटना के फलस्वरूप रोमन साम्राज्य का अन्त हो गया जो लगभग १५०० वर्षों से चला आ रहा था। इस घटना से ईसाईवाद को भी धक्का पहुँचा और उस्मानी सेनाओं के यूरोप में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त हो गया था। इस विजय के बाद उस्मानी साम्राज्य की राजधानी एदिर्न (Edirne) से हटाकर क़ुस्तुंतुनिया ला दी गयी। विजय के पहले और बाद में अनेकों यूनानी एवं अन्य बुद्धिजीवी क़ुस्तुंतुनिया छोड़कर भाग निकले। इनमें से अधिकांश इटली जा पहुँचे जिससे यूरोपीय पुनर्जागरण को बहुत बल मिला।
यह घटना मध्यकालीन इतिहास की एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना थी।[1] कुछ इतिहासकार इसे मध्यकाल की समाप्ति की घटना मानते हैं।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ कस्तुनतुनिया पर मुसलमानों की जीत जिसे यूरोप कभी नहीं भूल सका https://www.bbc.com/hindi/magazine-44290392
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- क़ुस्तुंतुनिय की घेराबंदी The Siege of Constantinople As The Islamic World Sees it Archived 2021-04-22 at the वेबैक मशीन
- [https://www.worldhistory.org/article/1180/1453-the-fall-of-constantinople/ विश्व इतिहास विश्वकोश - 1453:
कॉन्स्टेंटिनोपल का पतन World History Encyclopedia – 1453: The Fall of Constantinople]
- चर्चा (Constantinople Siege & Fall, BBC Radio 4 discussion with Roger Crowley, Judith Herrin & Colin Imber (In Our Time, 28 Dec. 2006)