कुट्टी
कार्टूनिस्ट कुट्टी का जन्म १९२१ में केरल में हुआ। अपनी पढ़ाई के दौरान ही कुट्टी को राजनीतिक कार्टूनों में रूचि पैदा हो गई थी। कुट्टी उस समय के अंग्रेज़़ी शासन में उपलब्ध पत्र पत्रिकाओं में छापे कार्टूनों को बड़े चाव से देखते थे और उन्हें दोबारा बनाकर अपने साथियों का मनोरन्जन भी करते थे। इसी तरह कार्टून बनाते हुए कुट्टी इस काम में माहिर हो गए।
कार्टून बनाने की शुरुआत
[संपादित करें]कुट्टी के भाग्य ने भी उनका साथ दिया और उनके पिता के एक मित्र जो कि अंगरेजी सरकार में अधिकारी थे, उन्होंने कुट्टी का काम देखा और प्रभावित होकर शंकर पिल्लई से उन्हें अपने मार्गदर्शन में काम सिखाने की सिफारिश की। शंकर को भी उस समय अपने लिए एक साथी की आवश्यकता थी तो उन्होंने कुट्टी को अपने साथ काम करने के लिए सहर्ष स्वीकृति दे दी। बाद में पंडित जवाहरलाल नेहरू के आग्रह पर शंकर ने कुट्टी को नेशनल हेराल्ड के लिए स्टाफ कार्टूनिस्ट के रूप में भेजा। कुट्टी ने शंकर की लोकप्रिय पत्रिका शंकर्स वीकली के लिए भी काम किया। कुट्टी और शंकर का गुरु-शिष्य का रिश्ता शंकर के जीवित रहने तक जारी रहा।
कार्यस्थल
[संपादित करें]अपने पूरे कार्यकाल में कुट्टी ने नेशनल हेराल्ड, फ्रीप्रेस जनरल, आनंदबाजार पत्रिका, शंकर्स वीकली,हिंदुस्तान स्टेंडर्ड, हिंदुस्तान टाईम्स और इंडियन एक्सप्रेस के लिए कार्य किया। अपनी आंखों की समस्या के चलते कुट्टी अब कार्टून बनाने में समर्थ नहीं हैं और सेवानिवृत्त हो चुके हैं। फिलहाल कुट्टी अमेरिका में अपने परिवार के साथ रहते हैं।[1]